पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें उम्र संबंधी समस्याओं के कारण गुरुवार रात 8:06 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित किया गया। डॉ. मनमोहन सिंह एक प्रमुख अर्थशास्त्री थे और 1991 में आर्थिक उदारीकरण की दिशा में किए गए उनके कदम ऐतिहासिक माने जाते हैं। वह 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में सेवा देने के बाद एक सरल और सादगी पसंद व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध रहे।
पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण, जो अब यूपी सरकार में मंत्री हैं, ने बताया कि वह तीन साल तक डॉ. मनमोहन सिंह के बॉडीगार्ड रहे थे। असीम के अनुसार, डॉ. मनमोहन सिंह को बीएमडब्ल्यू जैसी चमचमाती कार पसंद नहीं थी। उन्होंने हमेशा कहा था, “असीम, मेरी गड्डी तो ‘मारुति 800’ है,” और जब उनका काफिला मारुति 800 के सामने से गुजरता, तो वह उसे मन से देखते थे।
असीम ने अपनी पोस्ट में बताया कि वह एसपीजी की ‘क्लोज प्रोटेक्शन टीम’ का हिस्सा थे, जो प्रधानमंत्री के सबसे करीबी सुरक्षा घेरे का हिस्सा होती है। वह हमेशा डॉ. मनमोहन सिंह के साथ रहते थे और उनकी सुरक्षा का जिम्मा उनका था। डॉ. सिंह को अपनी ‘मारुति 800’ से खास लगाव था, जबकि प्रधानमंत्री निवास में उनकी सुरक्षा के लिए एक काली बीएमडब्ल्यू खड़ी रहती थी। डॉ. सिंह बार-बार असीम से कहते थे, “मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है,” जो उनकी मिडिल क्लास पृष्ठभूमि को दर्शाता था।
केंद्र सरकार ने 2019 में डॉ. मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी और उन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों से मिले इनपुट्स के आधार पर यह निर्णय लिया गया था। इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और वीपी सिंह की सुरक्षा भी हटाई जा चुकी थी। डॉ. मनमोहन सिंह की बेटियों ने भी एसपीजी सुरक्षा से खुद को अलग कर लिया था, और जब उनकी एसपीजी सुरक्षा वापस ली गई, तो डॉ. सिंह ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।