कोरोना महामारी से नहीं बचा परिवार में कोई अर्थी देने वाला।

धनबाद: कोरोना महामारी के चलते थोड़ी सी लापरवाही और ऐसा खतरनाक परिणाम। झारखंड में इसका एक दर्दनाक उदाहरण सामने देखने को मिला। कोरोना महामारी से मचे हाहाकार के बीच जून के आखरी सप्ताह में दिल्ली से अपने पोते की शादी कराने झारखंड में धनबाद जिले के कतरास आईं 88 वर्षीय दादी विवाह के अगले दिन बीमार पड़ गईं और फिर उनके घर में दुर्भाग्य ने ऐसा डेरा डाला कि इलाज के दौरान उनकी मौत के बाद उन्हें कांधा देने वाले पांच बेटे भी संक्रमित होकर 15 दिन में बारी-बारी से जान गंवा बैठे वहीं करोड़पति परिवार के छह अन्य सदस्य अभी भी संक्रमण से जंग लड़ रहे हैं। कोरोना के कारण परिवार के अन्य सभी सदस्य होम क्वारंटाइन में हैं, जिसके कारण रांची के रिम्स में 19 जुलाई को दम तोडऩे वाले परिवार के छठे सदस्य के 36 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद शव लेने कोई नहीं आ पहुंचा है। पांच दिन बाद जिला प्रशासन को अंतिम संस्कार करना पड़ा था। इससे पहले भी एक और भाई की मौत रिम्स में हुई थी। उस समय भी परिजन शव लेने नहीं पहुंचे।  परिवार के 14 सदस्य होम क्वारंटाइन में है, जबकि शादी समारोह में शामिल हुए 70 लोगों में से कई की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट अब तक नहीं मिल पायी है। 

सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि धनबाद जिले में कतरास थाना क्षेत्र के रानी बाजार इलाके में इस वर्ष जून के आखिरी सप्ताह में अपने पोते की शादी में शामिल होने दिल्ली से आई 88 वर्षीय महिला की अगले दिन तबीयत खराब हो गई। उन्हें बोकारो जिले के चास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान 04 जुलाई को उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनका स्वाब सैंपल लिया गया। मृतका की अर्थी को उनके बेटों ने कांधा दिया और उनका अंतिम संस्कार दामोदर नदी के तट पर कर दिया गया। इसके अगले दिन मृत महिला की जांच रिपोर्ट आई, जिसमें उन्हें पॉजिटिव पाया गया। रिपोर्ट से घबराए परिवार के सभी सदस्यों ने भी अपनी जांच कराई। रिपोर्ट में मृतका के चार बेटे समेत परिवार के 10 सदस्यों को संक्रमित बताया गया। इसके बाद बारी-बारी से सभी की तबियत खराब होने लगी और उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया।  

इस परिवार पर कोरोना का कहर 10 जुलाई से शुरू हो गया जब धनबाद के कोविड अस्पताल में इलाजरत मृत महिला के एक संक्रमित बेटे की मौत हो गई। इसके बाद तो जैसे परिवार में मौत की झड़ी लग गई। 11 जुलाई को धनबाद के ही एक अस्पताल में इलाजरत मृतका के दूसरे संक्रमित बेटे ने भी दम तोड़ दिया। फिर, 12 जुलाई के तीसरे बेटे की रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में मौत हो गई। परिवार में बारी-बारी से लोगों की मौत होती रही लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं। 16 जुलाई को मृत वृद्धा का कैंसर से पीड़ति चौथे बेटे का पूर्वी सिंहभूम जिले में जमशेदपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद 19 जुलाई को रांची के एक अस्पताल में पांचवे बेटे ने भी दम तोड़ दिया। वृद्धा के सभी बेटों की उम्र 60 से 70 वर्ष बताई जाती है। कोरोना संक्रमण से इस परिवार में अबतक वृद्धा समेत छह लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, छह अन्य सदस्य रांची के सेंट्रल कोल फील्ड्स(सीसीएल) कोविड अस्पताल में भर्ती हैं। अब वृद्धा का एकमात्र बेटा बचा है, जो दिल्ली में रहता है और जिसके साथ महिला रहती थी। 

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