बस्ती: जहां धरती को हरा भरा बनाने के लिए राज्य सरकारें हर वर्ष जुलाई माह में पौधरोपण अभियान चलाकर इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए कई करोड़ों रुपये खर्च कर राज्यकर्मियों से लेकर प्रधानों ,विद्यालयो ,आम लोगो की मदद से पौधरोपण करवाने का हर सम्भव प्रयास करती हैं तो वही कुछ लोग सरकार के मंसूबे पर पानी फेरने से पीछे नही हटते।
वह अपने उच्च अधिकारियों के दबाव में व वाहवाही लूटने के चक्कर अपने अपने क्षेत्रों में पौधरोपण के लिए हजारो की संख्या में छायादार, फलदार,औषधीय पौधे पौधरोपण के लिए नर्सरियों से निशुल्क ले लेते हैं ।और सौ पचास पौधे लगाकर शेष पौधों को किसी सुनसान जगह रखकर कोरम पूरा करते हैं। इन पौधों के सूख जाने पर इनको जला कर नष्ट कर दिया जाता है।और अधिकारियों द्वारा शत प्रतिशत अभियान को सफल बताकर रिपोर्ट आगे भेज दी जाती हैं।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि हर वर्ष हुए पौधरोपण पौधों की निगरानी नही होनी चाहिये ?
ताजा मामला प्रकाश में बुधवार को आया जब सहयोगी धर्मेन्द्र द्विवेदी द्वारा इस अभियान को अपने स्तर से इसकी जाँच की तो पता चला कि अभियान केवल कागजो में ही चल रहा है।जमीन पर हकीकत कुछ और ही बया करती हैं।
उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के सदर रेंज साऊघाट विकास खण्ड के रामनरेश चौधरी इंटर कालेज विहरा में पौधारोपण के लिए मिले सैकड़ों पौधे लगाने की बजाए कालेज परिसर में सूखने के लिए छोड़ दिए गए। परिसर में पन्नी सहित रखे अधिकांश पौधे सूख गए हैं तो तमाम इधर उधर बिखरे पड़े हैं।
पौधारोपण अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने के बाद भी तमाम स्थानों पर पौधों को रोपित करने के बजाए फेंक दिया जा रहा है। इसकी बानगी मंगलवार को साऊंघाट विकास खंड के विहरा गांव स्थित इंटर कालेज में देखने को मिली। वन विभाग की नर्सरी से निश्शुल्क मिले पौधे कालेज परिसर में लगाए नहीं गए। बड़ी संख्या में पौधे परिसर में जैसे के तैसे रखे रह गए। ऐसे में वे सूख गए। इतना ही नहीं परिसर में कई स्थानों पर नर्सरी से मिले पौधे फेंके मिले। इंटर कालेज के प्रबंधक के पुत्र व विहरा गांव के प्रधान अजीत
ने बताया कि वन विभाग के नर्सरी से उन्हें 1500 पौधे मिले थे जिनमें तमाम पहले से ही मुरझाए हुए थे। यह लगने से पहले ही सुख गए।जबकि नर्सरी वालो का कहना है कि वह सभी को हरे भरे पौधे ही देते हैं।
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संबंधित अधिकारी बोले
क्षेत्रीय वन अधिकारी सदर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वह अपने स्तर से पता करते हैं कि ऐसा क्यों हुआ। इसके बाद ही कुछ बता पाएंगे।
वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक डीएस यादव ने कहा कि पौधे तो इंटर कालेज के परिसर में रोपित करने के लिए दिए गए थे। कालेज प्रबंधन को इन्हें रोपित कराना था। यदि कालेज में जगह की समस्या थी तो छात्र छात्राओं के बीच इसे वितरित कर उन्हें अपने घर पर पौधा लगाने के लिए दे दिया जाना था। कालेज में पौधे रखे रखे सूख जाएं, यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जांच कराई जाएगी।