कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ सीजफायर समझौते पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “1971 के हालात 2025 के हालात नहीं हैं”। उनका यह बयान पाकिस्तान के साथ युद्धविराम की वर्तमान स्थिति और दोनों देशों के बीच बदलते रिश्तों को लेकर था।
थरूर ने कहा कि 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, लेकिन अब दोनों देशों के बीच परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ निरंतर संवाद अब संभव नहीं है, क्योंकि 26/11 और पठानकोट जैसे आतंकी हमले हुए हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि बातचीत पूरी तरह से बंद करना भी नीति नहीं हो सकती। उनका मानना है कि लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देना चाहिए, जैसे कि वीजा सुविधा बढ़ाना, ताकि आपसी समझ और विश्वास बढ़े।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई 2025 को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ने “पूर्ण और तत्काल युद्धविराम” पर सहमति जताई है। यह समझौता दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य हमलों के बाद हुआ। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस कदम का स्वागत किया है, और इसे क्षेत्रीय स्थिरता और शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया है।
थरूर ने कहा कि “हम देखेंगे कि यह लंबे समय तक टिकता है या नहीं”, क्योंकि अतीत में युद्धविराम समझौते अक्सर अस्थायी रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर गाजा में जारी मानवीय संकट को भी संबोधित किया और वहां के पुनर्निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया।