उत्तरप्रदेश कौशाम्बी संवाददाता मुज़फ्फर की रिपोर्ट
भारतीय सेवा मेडल से पुरस्कृत चतुर्भाषीय ज्ञाता,भागवताचार्य स्व. देवदत्त शास्त्री ने रखी थी आधारशिला
कौशाम्बी जिले के दानपुर गांव में गांव के प्रख्यात व सुप्रसिद्ध विद्वान देवदत्त शास्त्री ने मुगल कालीन के समय के मंदिर जिनका अवशेष अभी भी मौजूद उस स्थान भगवान शिव जी मंदिर बनाने का संकल्प किया था जिसको उनके पुत्र धनंजय नारायण त्रिपाठी ने की प्राण प्रतिष्ठा और शिव बारात निकालकर पूर्ण किया इस अवसर पर शास्त्री जी के पौत्र संजय त्रिपाठी,अनिल त्रिपाठी,अनूप त्रिपाठी,मुकेश त्रिपाठी ने अहम योगदान दिया तथा देवदत्त शास्त्री के प्रपौत्र अमित,अंकित,अंकुर,सनद, अवनीश,रुद्राक्ष भी साक्षी रहे व शास्त्री के प्रपौत्र सवर्ण समाज पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव व राष्ट्रीय सह प्रभारी एवं केसरिया जागृति मंच के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विपुल त्रिपाठी ने कहा कि यह हमारे परिवार का सौभाग्य है कि हमे इस महान कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ और शास्त्री एक देव पुरुष रहे