झालावाड़ से ब्यूरो चीफ आसिफ शेरवानी की रिपोर्ट
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, डाॅ. टी.सी. वर्मा ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा गठित वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों की बहुविषयक टीम (Multidisciplinary team) का दिनाँक 02 जुलाई, 2025 को जिले की कृषि, उद्यानिकी, वानिकी एवं पशुपालन से संबंधित समस्याओं की वस्तुस्थिति जानने के लिए विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया गया।
डाॅ. आर. आर. बर्मन, सहायक महानिदेशक, कृषि विस्तार, विषय वस्तु अनुभाग, भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली की अध्यक्षता में केन्द्र पर एक बैठक का आयोजन किया गया जिसके सदस्य सचिव डाॅ. जे.पी. मिश्रा, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-अटारी, जोन-2, जोधपुर रहे। इस बैठक में बहुविषयक टीम से देश के विभिन्न अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञ जिसमें डाॅ. आर. के. सोनकर, प्रधान वैज्ञानिक (उद्यानिकी), भा.कृ.अनु.प.-सी.सी.आर.आई, नागपुर, डाॅ. धीरज सिंह, प्रभारी, समन्वित कृषि प्रणाली अनुभाग, भा.कृ.अनु.प.-काजरी, जोधपुर, डाॅ. नरेश कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प.-सी.ए.एफ.आर.आई., झांसी, डाॅ. पी.एल. सारन, प्रधान वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प.-डी.एम.ए.पी.आर., आनन्द, डाॅ. एस. आर. कांटवा, प्रधान वैज्ञानिक (शस्य विज्ञान), भा.कृ.अनु.प.-आई.जी.एफ.आर.आई. झांसी, डाॅ. अशोक कुमार, प्रधान वैज्ञानिक (कृषि अर्थशास्त्र), भा.कृ.अनु.प.-आई.आई.एस.डब्ल्यू.सी. कोटा, डाॅ. अमलेन्दु घोष, वरिष्ठ वैज्ञानिक, पौध व्याधि अनुभाग, भा.कृ.अनु.प.-आई.ए.आर.आई, नई दिल्ली, डाॅ. सुशील कुमार शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, पौध व्याधि अनुभाग, भा.कृ.अनु.प.-आई.ए.आर.आई, नई दिल्ली ने भाग लिया। साथ ही जिले के कृषि, उद्यानिकी एवं वानिकी संबंधित उच्च अधिकारियों के साथ जिले के प्रगतिशील कृषक भी इस बैठक में मौजूद रहे। इस बैठक में प्रगतिशील कृषकों से संतरा, सोयाबीन, अश्वगंधा, संरक्षित खेती इत्यादि के उत्पादन में आ रही समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की गई तथा उनके संभावित समाधानों से अवगत करवाया गया। इस दौरान भा.कृ.अनु.प.-अटारी, जोन-2, जोधपुर से प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. एच. एन. मीणा, कृषि विज्ञान केन्द्र, कोटा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, डाॅ. महेन्द्र सिंह तथा कृषि महाविद्यालय, कोटा से डाॅ. रामराज मीणा, सह आचार्य (उद्यान) भी इस बैठक में उपस्थित रहे।
विशेषज्ञों की बहुविषयक टीम द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, झालावाड़ पर जिले की कृषि संबंधित समस्याओं के बारे में आयोजित बैठक में झालावाड़ जिले से श्री कैलाश चन्द मीणा, संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार), डाॅ. प्रेरक भटनागर, सह आचार्य, डाॅ. एस.बी.एस पाण्डेय, सह आचार्य, उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, डाॅ. टी.ए. बंसोड, संयुक्त निदेशक, पशुपालन, डाॅ. देवेन्द्र चैधरी, संतरा उत्कृष्टता केन्द्र, श्री रामप्रसाद मीणा, उपनिदेशक (उद्यान), श्री उमेश धाकड़, उप निदेशक, जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र, श्री भूपेन्द्र सिंह शेखावत, सहायक निदेशक, कृषि, श्री वासुदेव मीणा, डीडीएम, नाबार्ड, श्री चन्द्रशेखर सुमन, निदेशक, पीएनबी-एफटीसी, पूर्व अधिष्ठाता, सीएचएफ महाविद्यालय झालरापाटन, इंजि. मधुसूदन आचार्य तथा प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे। तदोपरान्त जिले के चयनित गांवों बिन्दा, बानौर, सरोनिया, घटोद एवं दुर्गपुरा का दौरा कर उपस्थित किसानों से संतरा उत्पादन में आ रही समस्याओं के बगीचांे की कटाई एवं अन्य फसलों से संबंधित समस्याओं के बारे में वार्तालाप की गई। साथ ही संतरा के बगीचों व खेतों का भ्रमण कर समस्याग्रस्त वस्तुस्थिति का जायजा लेकर संतरा पौधों के नमूने भी परीक्षण हेतु संग्रहित किए गये।
इसी क्रम में यह दल संतरा उत्पादन, विपणन एवं उपभोग विषयों पर अनुसंधान, विकास, तकनीकी प्रचार-प्रसार एवं नीतिगत विषयों पर समीक्षा एवं सुझाव भी देगा।
इस अवसर पर केन्द्र से डाॅ. सेवाराम रूण्डला, विषय विशेषज्ञ (मृदा विज्ञान), डाॅ. मौहम्मद युनुस, विषय विशेषज्ञ (प्रसार शिक्षा), डाॅ. योगेन्द्र कुमार मीणा, विषय विशेषज्ञ (उद्यान), डाॅ. तुलिका आचार्य (गृह विज्ञान), श्रीमती सुनिता कुमारी, राहुल सांखला, शाहरूख खान इत्यादि भी उपस्थित रहे।
