ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब एक बड़ा बयान सामने आया है। इराक से शियाओं के सबसे प्रभावशाली धर्मगुरु अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाया गया, तो इसका अंजाम बेहद गंभीर होगा। यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिका और इस्राइल पर क्षेत्रीय युद्ध को और भड़काने के आरोप लग रहे हैं।
इराक के पवित्र शहर नजफ से जारी बयान में अयातुल्ला सिस्तानी ने स्पष्ट किया कि शिया जगत अपने सर्वोच्च धार्मिक नेतृत्व पर हमले को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने अमेरिका और इस्राइल के नेतृत्व को चेताते हुए कहा कि ईरान की धार्मिक व्यवस्था पर हमला केवल एक देश पर नहीं बल्कि पूरे मजहबी ढांचे पर हमला होगा।
ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड और हिज़्बुल्लाह जैसे संगठनों ने भी अलर्ट लेवल हाई कर दिया है। कई विशेषज्ञ इसे पूरे वेस्ट एशिया को अस्थिर करने वाला संकेत मान रहे हैं।
ट्रंप-नेतन्याहू पर सीधा वार:
अल-सिस्तानी ने बिना नाम लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली पीएम नेतन्याहू को चेतावनी दी कि “राजनीतिक फायदे के लिए धार्मिक जज्बातों से खेलना आग से खेलने जैसा है।” उन्होंने कहा कि अगर खामेनेई पर हमला होता है तो यह इस्लामी जगत में गंभीर प्रतिक्रियाएं पैदा करेगा।
क्षेत्रीय हालात पर असर:
इस बयान के बाद लेबनान, सीरिया और यमन में भी शिया समुदाय के बीच भारी हलचल देखी जा रही है। इराकी मिलिशिया ग्रुप्स ने भी खुद को तैयार रहने के निर्देश जारी किए हैं। यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में वेस्ट एशिया और ज्यादा अस्थिर हो सकता है।
निष्कर्ष
शियाओं के सबसे बड़े धर्मगुरु की इस चेतावनी ने इस्राइल-अमेरिका के लिए नई कूटनीतिक चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। अब यह देखना होगा कि क्या वाकई ईरान के खिलाफ कोई सीधा हमला होता है या यह तनाव शब्दों की लड़ाई तक ही सीमित रहेगा।