तालिबान सरकार ने बुधवार को एक व्यक्ति को सार्वजनिक तौर पर स्टेडियम में सजा-ए-मौत दी है. अगस्त 2021 में फिर से अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बाद यह पहली बार है जब किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से मौत दी गई है. तालिबानी अधिकारी के अनुसार, यह सजा शरिया कानून के तहत दी गई है
तालिबान अपनी बेरहम सजाओं के लिए हमेशा आलोचनाओं का शिकार रहा है. अफगानिस्तान में जब 90 के दशक में तालिबान का कब्जा हुआ करता था तो उस समय लोगों को इतनी खौफनाक सजाएं दी जाती थीं, जिन्हें सोचकर भी इंसान की रूह कांप उठे. अब जब सालों बाद तालिबान एक बार फिर अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हो गया है, फिर से उस तरह की बेरहम सजाएं भी शुरू हो गई हैं. हाल ही में खबर आई थी कि तालिबान ने तीन महिलाओं पर सैंकड़ों लोगों के सामने कोड़े बरसाए थे. अब एक शख्स को भीड़ के सामने ही सजा-ए-मौत दी गई है.
दरअसल, बुधवार को तालिबानी अधिकारियों ने हत्या के आरोपी एक शख्स को सैंकड़ों लोगों के सामने सजा-ए-मौत दी है. अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात (IEA) के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा अफगानिस्तानी इस्लामिक सुप्रीम कोर्ट ने फराह प्रांत में हत्या के दोषी के खिलाफ ये आदेश दिया गया है.
अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे होने के बाद से यह पहली बार है जब इस तरह का सख्त नीतियों को अपनाया गया है. सार्वजनिक सजा-ए-मौत यह दर्शाती है कि तालिबान इस्लामी कानून