स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद एक बयान में चौकीदार (सरकार) को जिम्मेदार ठहराया और सिंधु नदी के पानी को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “चौकीदार जिम्मेदार है, सिंधु का पानी रोके तो जाएगा कहां?” इस बयान में उन्होंने पाकिस्तान से बहने वाले सिंधु नदी के पानी की भारत द्वारा रोकने की नीति पर सवाल उठाया।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के इस बयान ने राजनीतिक और धार्मिक समुदायों में हलचल मचा दी है। कुछ संतों ने उनके इस बयान की आलोचना की है, जबकि अन्य ने इसे समय की आवश्यकता बताया है। उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा और जल संसाधनों के मुद्दों पर सरकार की नीतियों को लेकर चिंतित हैं।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के हमले बढ़ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का यह बयान सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चुनौती के रूप में सामने आया है।
स्वामी के बयान के बाद, यह देखना होगा कि सरकार इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती है और क्या वह अपनी नीतियों में कोई बदलाव करती है या नहीं। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण होगा कि धार्मिक और राजनीतिक समुदाय इस मुद्दे पर किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा और जल संसाधनों के मुद्दों पर एक व्यापक बहस का कारण बनता है।