सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 11 फरवरी 2025 को चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से संबंधित डेटा को न तो नष्ट करें और न ही उसमें कोई नया डेटा लोड करें। यह आदेश एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें EVM के सत्यापन के लिए नीति बनाने की मांग की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने चुनाव आयोग से पूछा कि EVM की जली हुई मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर के संबंध में उनकी प्रक्रिया क्या है और किस मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन किया जाता है। साथ ही, कोर्ट ने चुनाव आयोग से 15 दिनों के भीतर इस मुद्दे पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई हारने वाला उम्मीदवार EVM के परिणामों पर संदेह करता है, तो इंजीनियर यह प्रमाणित कर सकते हैं कि EVM से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। कोर्ट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि EVM की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो, ताकि चुनावी प्रक्रिया पर जनता का विश्वास बना रहे।