Join WhatsApp Group Join WhatsApp Group

अध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस, दिल्ली सरकार बोली

सुप्रीम कोर्ट ने सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी अध्यादेश की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सोमवार को केंद्र का जवाब मांगा। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने सरकार को नोटिस जारी किया और आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से अपनी याचिका में संशोधन करने तथा मामले में उपराज्यपाल को पक्ष के रूप में जोड़ने को कहा।

पीठ ने मामले की सुनवाई 17 जुलाई को तय करते हुए कहा, ‘‘हम नोटिस जारी करेंगे।” आप नीत सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि यह कार्यकारी आदेश मनमाना है जो शीर्ष अदालत और संविधान की मूल संरचना को दरकिनार करने का प्रयास करता है। दिल्ली सरकार ने अध्यादेश को रद्द करने के साथ ही इस पर अंतरिम रोक लगाने का भी अनुरोध किया है। केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन को लेकर एक प्राधिकरण बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 लागू किया था।

आप नीत सरकार ने अध्यादेश को सेवाओं पर नियंत्रण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ‘‘धोखा” करार दिया है। अध्यादेश के एक सप्ताह पहले अदालत ने दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को सौंपने का आदेश दिया था। अध्यादेश में दिल्ली, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव एवं दादरा और नगर हवेली (सिविल) सेवा (दानिक्स) कैडर के ग्रुप-ए के अधिकारियों के तबादले और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान किया गया है।

Share
Now