झालावाड़ से ब्यूरो चीफ आसिफ शेरवानी की रिपोर्ट
सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय, झालावाड़ में जल जागरूकता पर हुई गहन चर्चा
मीडिया प्रतिनिधियों ने दिए व्यावहारिक सुझाव, सामूहिक सहभागिता से बढ़ेगा अभियान का प्रभाव
झालावाड़, 14 जून। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के अंतर्गत शनिवार को सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय झालावाड़ में एक मीडिया राउंड टेबल का आयोजन किया गया। इस संवादात्मक बैठक का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण को लेकर मीडिया की सशक्त भूमिका को चिन्हित करना और आमजन में जागरूकता फैलाना रहा। इस राउंड टेबल में जिले के प्रमुख प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया संस्थानों के संपादकों, संवाददाताओं एवं पत्रकारों ने भाग लिया और जल संरक्षण अभियान में मीडिया की सक्रिय भागीदारी को लेकर गहन विचार-विमर्श किया।
जल संरक्षण को जनआंदोलन का रूप देने की दिशा में प्रभावशाली प्रयास, अब तक 3500 से अधिक गतिविधियाँ, 7.26 लाख लोगों की भागीदारी*
बैठक में जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी हेमन्त छीपा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 5 जून से 20 जून तक वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान पूरे प्रदेश में संचालित किया जा रहा है। झालावाड़ जिले में भी इस अभियान के तहत सघन और बहुआयामी गतिविधियाँ चल रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक जिले में कुल 3507 कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं, जिनमें 7 लाख 26 हजार 649 नागरिकों ने भागीदारी निभाई है। उन्होंने इस अभियान को केवल सरकारी कार्यक्रम न मानते हुए इसे एक जनआंदोलन की संज्ञा दी और मीडिया से इस पहल को जन-जन तक पहुँचाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के एक्सईएन श्री कृष्ण जी वर्मा ने भी अभियान की संरचना और तकनीकी पक्षों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जल स्रोतों की सफाई, वर्षा जल संचयन, वृक्षारोपण, जल उपयोग में सतर्कता और स्वच्छता अभियान जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। अभियान को जल संसाधन, वन, कृषि, शिक्षा, पंचायत राज, शहरी विकास, सामाजिक न्याय आदि विभागों के सहयोग से दैनिक योजनाबद्ध गतिविधियों के रूप में लागू किया जा रहा है।
“मीडिया प्रतिनिधियों ने जल संरक्षण को जन-जन तक पहुंचाने के दिए रचनात्मक सुझाव”
मीडिया राउंड टेबल में जिले के वरिष्ठ मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रमुख प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि जल संरक्षण संबंधी प्रेरणादायक कहानियों, नवाचारों और प्रयासों को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक के साथ सोशल मीडिया, रेडियो व क्षेत्रीय समाचार माध्यमों के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों, युवाओं व महिला समूहों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित कर नई पीढ़ी को जल बचाने की दिशा में प्रोत्साहित किया जाए।
साथ ही यह सुझाव भी सामने आए कि गांवों और कस्बों की बावड़ियों, कुओं, तालाबों आदि परंपरागत जल स्रोतों की मरम्मत व साफ-सफाई कर उन्हें पुनर्जीवित किया जाए। स्कूलों में जल संरक्षण को शिक्षा का हिस्सा बनाया जाए और घरेलू उपयोग में ‘री-यूज़ वॉटर’ की पद्धति अपनाकर पौधों को पानी देने जैसे प्रयास किए जाएं। साथ ही ग्रामीण स्तर पर जल संरक्षण से जुड़े लोकनाट्य, निबंध, चित्रकला और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जन-जागरूकता को और अधिक सशक्त बनाया जा सकता है।,
जल संरक्षण की शपथ और समापन की तैयारी
बैठक के समापन पर सभी मीडिया प्रतिनिधियों ने जल संरक्षण की शपथ ली और अपने-अपने मंचों से इस अभियान को समर्थन देने का संकल्प लिया। जनसंपर्क अधिकारी हेमन्त छीपा ने सभी प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया संवाद की यह प्रक्रिया केवल एक बैठक नहीं, बल्कि एक निरंतर जनसंपर्क संवाद की शुरुआत है।
जनसंपर्क कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी अनिल त्रिवेदी ने बताया गया कि 20 जून को इस अभियान का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। “वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान” जल समृद्धि, पर्यावरणीय संतुलन और राज्य को जल आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने वाली एक अभिनव और सशक्त पहल बन चुकी है।
