शेयर बाजार (Stock Market) में बुधवार को रिकॉर्ड बढ़ोतरी और रिकॉर्ड गिरावट कुछ ही घंटे के अंतराल में देखने को मिली. Sensex-Nifty ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंचने के बाद तेजी से धड़ाम हो गया. इस बड़ी गिरावट की वजह काफी समय बाद कोविड-19 (COVID-19) के मामलों में बढ़ोतरी मानी जा रही है. 24 घंटे के दौरान आए 614 नए COVID-19 मामलों ने लोगों को ही नहीं, बल्कि शेयर बाजार को भी डरा दिया. वहीं विदेशी निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) से बड़ी रकम की निकासी कर डाली. इसी बीच स्टॉक मार्केट में बुधवार को निवेशकों (Investors) के 9.1 लाख करोड़ रुपये डूब गए.
20 दिसंबर को टॉप 30 शेयरों वाले Sensex 931 अंक या 1.30 प्रतिशत गिरकर 70,506 पर बंद हुआ, जबकि NSE बेंचमार्क 303 अंक या 1.41 प्रतिशत गिरकर 21,150 पर बंद हुआ. Sensex के 30 में से 30 शेयरों में गिरावट हुई, जबकि Auto, Metal, बैंक निफ्टी (Bank Nifty) और सर्विस समेत लगभग सभी सेक्टर में बिकवाली देखी गई. इस बड़ी गिरावट के कारण बीएसई एम-कैप (BSE M-Cap) का लगभग 9.1 लाख करोड़ रुपये डूब गए. सेंसेक्स के 3,921 शेयरों में से 3,178 शेयरों में गिरावट और 657 शेयरों में तेजी रही, जबकि 86 स्टॉक अपरिवर्तित रहे.
क्यों धड़ाम हुआ शेयर बाजार?
24 घंटे के दौरान कोविड-19 के नए वेरिएंट (COVID-19 New Veriant) के 614 नए मामले दर्ज किए गए, जिसने स्टॉक मार्केट को डरा दिया. वहीं विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम निकाल ली, जिस कारण तेजी से शेयरों में मुनाफावसूली (Stock Profit Book) शुरू हो गई. वहीं घरेलू संस्थाओं ने करीब 294 करोड़ रुपये की खरीदारी की. इसके अलावा बैंक, मेटल और ऑटो स्टॉक (Auto Stock) में सबसे ज्यादा गिरावट से शेयर बाजार दबाव में आ गया.