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मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी का बयान- ‘शरीयत के उसूलों के खिलाफ नए साल का…..

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नए साल के जश्न को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नए साल का जश्न मनाना जायज नहीं है. इस तरह के कार्यक्रम फिजूल खर्ची और लहब व लइब (खुराफात) के दायरे में आते हैं, इसलिए शरीयत ने इस तरह के कार्यक्रमोx के आयोजन करने और भाग लेने वालों को शक्ति से रोका है. शरीयत इस तरह के कामों को नाजायज करार देती है.

मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने आगे कहा कि मैं तमाम मुस्लिम नौजवानों से कह रहा हूं कि नए साल का जश्न न मनाएं, शरीयत के वसूलों का ख्याल रखें. अगर इस तरह के खुराफाती प्रोग्रामों में शिरकत करेंगे या पैसा खर्चा करेंगे तो कयामत के दिन खुदा को जवाब देना होगा और सख्त गुनह होगा, इसलिए ऐसा करने से बचें.

“नया साल आना खुशी की बात नहीं”

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि नया साल आना खुशी की बात नहीं है बल्कि ये गौर करने वाली बात की हमारी जिंदगी का एक साल कम हो गया. मौलाना ने कहा कि नए साल के जश्न मनाने की सूचना अगर हमें मिली तो मुस्लिम जमात के कार्यकर्ता उसको शक्ति से रोकने के लिए मजबूर होंगे.

घर में संविधान की किताब रखने अपील की थी

इस पहले बीते गुरुवार को ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के तत्वाधान में बरेली में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया था. जिसमें बड़ी संख्या में उलेमा पहुंचे थे. इस दौरान मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने कहा था कि हमारे देश का संविधान दुनिया भर के संविधानों में सबसे अच्छा और बेहतर है. हम सबको घर में संविधान की किताब रखनी चाहिए और इसे अपने परिवार को पढ़ाना चाहिए.

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