राजस्थान में इस साल अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
इसे लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार प्रदेश में चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग राजस्थान में मतदान में आसानी और मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने के साथ ही स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने कहा कि आयोग के समक्ष लोगों के लिए मतदान अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव भी नहीं है।
इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अखबार के विज्ञापनों के माध्यम से अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देनी होगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब और नकदी के आवागमन की जांच करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जो हरियाणा और पंजाब बॉर्डर से लगे हुए हैं।
राजीव कुमार के मुताबिक 80 लाख बुजुर्ग मतदाताओं को वोट फ्रॉम होम की सुविधा दी जाएगी. हालांकि वे बूथ पर जाकर भी वोट सकेंगे।
इसके लिए उन्हें फॉर्म 12डी भरना होगा। दिव्यांग व्यक्ति को भी यह सुविधा मिलेगी। मानदंडों का उल्लंघन करने वालों पर ‘सी विजिल एप’ से नज़र रखी जाएगी।
उम्मीदवार और उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच करने के लिए Know your candidate ऐप लॉन्च किया गया है।
वही अगर किसी कैंडिडेट की आपराधिक पृष्ठभूमि है, तो उन्हें इस जानकारी को कम से कम 3 प्रमुख समाचार पत्रों में छपवाना होगा।इतना ही नहीं, पार्टियों को इस पर स्पष्टीकरण भी देना होगा।