झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेम्ब्रम का पुत्र गिरफ्तार, सीएम के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले विधायक लोबिन के बेटे के खिलाफ फर्जी वंशावली पर नौकरी लेने का केस दर्ज:
सूत्रों के हवाले से, बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम के बेटे अजय हेम्ब्रम ने फर्जी वंशावली पर ईसीएल से नौकरी हासिल की थी। इसकी जांच के बाद जिला प्रशासन के निर्देश ललमटिया थाना में अजय हेम्ब्रम के खिलाफ फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। महागामा अनुमंडल के कार्यपालक दंडाधिकारी मो एजाज अहमद के प्रतिवेदन के आधार पर बीते 28 जून को ही ललमटिया थाना में मामला दर्ज कराया गया था।
इधर इस पूरे मामले को लेकर विधायक लोबिन हेंब्रम का कहना है कि वंशावली निर्गत करने वाले बड़ा भोडाई मौजा के रैयतों की ओर से कोर्ट में शपथ पत्र देकर वर्ष 2008 में ही अजय को वंशावली में शामिल किया गया था। इसमें अजय को ब्लड रिलेशन के आधार पर वंशावली में शामिल करने की बात शपथ पत्र में अंकित है। यह मामला 2008 का ही है। 14 साल बाद इस मामले में कार्रवाई कहीं न कहीं सरकार की ओर से पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर की गई है और इसके खिलाफ वे झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। गौरतलब है कि बीते दिनों हूल दिवस के मौके पर भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम से बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम गायब थे। इधर, उन्होंने एक अलग कार्यक्रम आयोजित कर फिर से सरकार पर दबाव बनाने का संकेत दिया था।
बताते चलें, गोड्डा एसपी नाथू सिंह मीणा ने बताया कि महागामा के दंडाधिकारी मो एजाज अहमद की शिकायत के आधार पर गलत वंशावली पर नौकरी लेने वाले अजय हेंब्रम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। दर्ज प्राथमिकी में राजमहल परियोजना के अधिकारियों की ओर से जांच पड़ताल किए बिना नौकरी दिए जाने पर भी सवाल उठाया गया है। पुलिस अनुसंधान में इन बिंदुओं पर भी जांच होगी। एसपी ने कहा कि बहरहाल कांड अंकित कर पुलिस की ओर से कांड का अनुसंधान शुरू कर दिया गया है।
इसके बाद डीसी की ओर से डीडीसी संजय सिन्हा और महागामा के एसडीओ सौरभ कुमार भुवानिया को संयुक्त रूप से जांच के लिए अधिकृत किया था। डीडीसी और एसडीओ ने बीते 27 जून को जांच प्रतिवेदन डीसी को सौंपा। इसके दूसरे ही दिन 28 जून को महागामा के कार्यपालक दंडाधिकारी मो एजाज अहमद के प्रतिवेदन पर ललमटिया थाना में विधायक लोबिन हेम्ब्रम के बेटे अजय हेम्ब्रम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई । प्रथमिकी में राजमहल परियोजना प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठाया गया है। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। इसमें विभिन्न पक्ष से बयान लेकर पुलिस कांड के समर्थन में साक्ष्य जुटा रही है। जानकारी के अनुसार ईसीएल में जमीन अधिग्रहण के बदले वंशावली के आधार पर ही नौकरी और मुआवजा देने का प्रावधान है। अजय की सेवा पुस्तिका में यह बात सामने आई है कि बीते 20 अगस्त 2008 को ईसीएल कार्यालय में उन्होंने योगदान दिया था। बड़ा भोड़ाई मौजा में जमीन अधिग्रहण के बदले अजय ने फर्जी वंशावली में अपना नाम दर्ज करा कर नौकरी हासिल की थी। बड़ा भोडाई की रहने वाली मंझली मुर्मू पति धरमु सोरेन ने इस मामले को लेकर बीते तीन अप्रैल 2022 को डीसी भोर सिंह यादव को आवेदन देकर पूरे मामले की जांच की मांग की थी। फिलहाल जांच करने के बाद ही मामला सामने आएगा!
रिपोर्ट:- अमित कुमार सिन्हा गोड्डा (झारखंड)