आयतुल्लाह खामेनेई का पोस्टर हटाने पर बवाल: शिया धर्मगुरुओं और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जताई तीखी आपत्ति”
लखनऊ, 28 जून
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित एक धार्मिक आयोजन के दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनेई का पोस्टर हटाए जाने को लेकर शिया समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया है। यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी, बल्कि राष्ट्रीय धार्मिक हलकों में भी तीव्र प्रतिक्रिया देखी गई।
शिया धर्मगुरुओं ने इस कार्रवाई को धार्मिक भावनाओं का सीधा अपमान बताया है। उनका कहना है कि आयतुल्लाह खामेनेई केवल ईरान के नेता नहीं, बल्कि दुनियाभर के करोड़ों शिया मुसलमानों के आध्यात्मिक रहबर हैं। धार्मिक आयोजनों में उनके चित्र लगाना श्रद्धा और आस्था का प्रतीक होता है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य और प्रमुख शिया नेता यासूब अब्बास ने इस घटना पर गहरी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा:
“आयतुल्लाह खामेनेई पूरे शिया जगत के लिए सम्माननीय रहबर हैं। उनका पोस्टर हटाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और यह धार्मिक सहिष्णुता की भावना के विपरीत है। अगर किसी अन्य समुदाय के प्रतीक के साथ ऐसा होता, तो भी हम उतनी ही दृढ़ता से विरोध करते। हम लोकतांत्रिक तरीक़े से प्रशासन से जवाब और न्याय की मांग करते हैं।”
इस मामले ने धार्मिक स्वतंत्रता और सांप्रदायिक सौहार्द पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। शिया समुदाय की मांग है कि प्रशासन इस घटना की सार्वजनिक रूप से सफाई दे और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए जाएं।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और समुदाय की भावनाओं का कितना सम्मान करता है।