शर्मनाक: अस्पताल परिसर में अधेड़ की मौत। शव को कुत्तों ने नोच डाला दोनों आंखें भी गायब……

अस्पताल के सीएमएस डॉ. सीबीएन त्रिपाठी ने बताया कि लावारिस अधेड़ कुछ दिन पूर्व अस्पताल के लावारिस वार्ड में भर्ती था, लेकिन बिना किसी की जानकारी के भाग गया। तब से उसकी कोई जानकारी नहीं मिली।

अयोध्या में जिला महिला अस्पताल परिसर में महीनों से इधर-उधर रह रहे एक लावारिस अधेड़ की गुरुवार रात मौत हो गई। रात भर उसके शव को कुत्ते नोंचते रहे। सुबह तक उसकी दोनों आंखें तक गायब हो गईं, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। राहगीरों ने शुक्रवार सुबह इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर चीरघर में रखवाया है।

जिला अस्पताल के लावारिस वार्ड में एक अधेड़ कुछ महीनों पूर्व भर्ती हुआ था। वह मानसिक रूप से विक्षिप्त भी था। इलाज के दौरान ही वह अस्पताल के वार्ड से भाग गया और जिला पुरुष व महिला अस्पताल परिसर में इधर-उधर रहकर वक्त गुजारने लगा। परिसर में रह रहे लोग उसे खाने-पीने की वस्तुएं दे देते थे। महीनों से वह इसी तरह जीवन यापन कर रहा था। वो गुरुवार रात महिला अस्पताल के भवन के पास चीरघर को जाने वाले रास्ते पर लावारिस वार्ड से चंद कदम की दूरी पर एक बिस्तर पर लेटा था। इस बीच किसी वजह से उसकी मौत हो गई। इसकी जानकारी किसी को नहीं हुई और वह वहीं पड़ा रहा।
सुबह परिसर के लोगों व राहगीरों ने देखा तो कुत्ते शव को नोच रहे थे। उसकी दोनों आंखें गायब हो चुकी थीं। शव के पास खून भी पड़ा था। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला अस्पताल के कर्मियों को बुलाकर शव को चीरघर में रखवाया। मृतक की पहचान नहीं हो सकी है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. सीबीएन त्रिपाठी ने बताया कि लावारिस अधेड़ कुछ दिन पूर्व अस्पताल के लावारिस वार्ड में भर्ती था, लेकिन बिना किसी की जानकारी के भाग गया। तब से उसकी कोई जानकारी नहीं मिली।
चीरघर में रखे शव की गायब हो गई थी आंख
जिला अस्पताल में शव को नोचने का यह मामला कोई नया नहीं है। 13 अगस्त को भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। बिहार राज्य के मधुसुनी जिले के बर्री निवासी पूरनराम (70) पुत्र श्रीराम किसी बस से 12 अगस्त को दिल्ली से लौट रहे थे। अयोध्या पहुंचने पर उनकी तबियत गंभीर हुई तो उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने मृतक के साथ कोई वारिस न होने के कारण उसका शव जिला अस्पताल स्थित चीरघर में रखवा दिया। अगले दिन जब परिजन पहुंचे और शव देखा तो मृतक की एक आंख गायब थी और दूसरी आंख क्षतिग्रस्त थी। इस पर परिजनों ने सवाल किया तो उन्हें तरह-तरह की बात बताकर शांत कराया गया।

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