औरैया जिले में कुदरकोट थाना क्षेत्र के एक गांव में बच्ची से दुष्कर्म का मामला संवेदनाओं के साथ मानवीय मूल्यों को झकझोरने वाला है। घटना में आरोपी ने रिश्तों के साथ शिक्षक पद की गरिमा को भी कलंकित कर दिया। सेवानिवृत्त शिक्षक बच्ची का पारिवारिक रिश्ते में नाना लगता है। मासूम से दरिंदगी करने के बाद किसी को न बताने के लिए आरोपी ने पहले उसे टॉफी व किताबों का लालच दिया।
बातचीत के दौरान मासूम यही कह रही थी कि नाना अचानक से बदल गए। हैवान सवार था, उन पर मामला दबते न देख धमकाया भी। यह सिलसिला घटना के दो-तीन दिन बाद तक जारी रहा। आठ दिन तक घटना छिपाए रखने के बाद जब बच्ची की पीड़ा असहनीय हुई, तो उसने परिजनों से दर्द बयां किया। इसके बाद परिजनों ने थाना पहुंचकर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
बच्ची के पारिवारिक नाना लगते हैं सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक
पुलिस ने पीड़िता की डॉक्टरी कराई। देर रात आरोपी को जेल भेज दिया। पिता के छोड़ देने से पीड़िता अपनी मां के साथ पिछले चार साल से नाना के घर रह रही थी। घर की माली हालत भी कुछ ठीक नहीं है। पड़ोस में रहने वाले सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक महेंद्र गौतम (65) बच्ची के पारिवारिक नाना लगते हैं। पीड़िता ने बताया कि वह अक्सर आरोपी के घर आती-जाती थी। घर के अन्य लोगों की मौजूदगी में खान-पान भी करती थी।
चीखती-चिल्लाती रही मासूम, लेकिन आवाज दीवारों को भेद न सकी
नौ दिन पहले आरोपी नाना ने रोटी बनाने के लिए घर पर बुलाया। बताया कि जब वह उनके घर पहुंची, तो नाना ने उसे मोबाइल पकड़ा दिया। इसमें गंदी पिक्चर चल रही था। इस पर उसने टाल मटोल की, तो जबरदस्ती वीडियो दिखाया। पीड़िता ने बताया कि उस समय घर में कोई और नहीं था। इसका फायदा उठा आरोपी नाना ने उसके साथ दुष्कर्म किया। वह चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन घर बंद होने से उसकी आवाज दीवारों को भेद न सकी।
टॉफी व किताबों का लालच भी दिया
पीड़िता ने बताया कि हवस का शिकार होने के बाद पेट दर्द के चलते काफी देर तक वहीं लेटी रही। इस पर आरोपी ने पानी से उसका चेहरा भी धोया। टॉफी व किताबों का लालच भी दिया। इन्कार करने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। यही नहीं अगले दो-तीन दिन तक आते-जाते आरोपी महेंद्र गौतम उसे धमकाता भी रहा। किसी को कुछ नहीं पता चलना चाहिए।
पेशे और रुपयों के सहारे मामले को रफा-दफा कराने का प्रयास
डरी-सहमी पीड़िता आठ दिन तक दर्द को अपने में समेटे रही। चार अक्तूबर को परेशानी बढ़ने पर मां ने उसकी सुध ली। नाना और अन्य परिजन के समक्ष मामला पहुंचा्र तो आरोपी को उलाहना दिया गया। पेशे और रुपयों की धमक के सहारे मामले को रफा-दफा कराने का प्रयास भी किया गया, लेकिन बात बिगड़ चुकी थी। पीड़िता को लेकर परिजन थाना पहुंच गए।
पीड़िता के बयान हुए दर्ज, डाक्टरी जांच भी हुई
नासमझ बच्ची कक्षा-6 की छात्रा है। पढ़ने-लिखने व खेलने-कूदने के दौर में दुष्कर्म का दर्द झेलना मानसिक दशा को झकझोरने वाला था। यही वजह है कि बुधवार को पीड़िता के बयान व डाक्टरी परीक्षण के दौरान वह सहमी थी। महिला पुलिस कर्मियों के मुताबिक पीड़िता का मानसिक संतुलन काफी गड़बड़ाया हुआ है। बयान दर्ज कराते समय पीड़िता आरोपी की हरकतों को बयां करते-करते रोने लगती। अंत में यही बोली कि नाना अचानक से बदल गए।