दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश मिलने के मामले में जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ इस बात के पर्याप्त तथ्य हैं कि भ्रष्टाचार हुआ है और उन्हें पद से हटाने की कार्यवाही शुरू करनी चाहिए।
मामले की पृष्ठभूमि
मार्च 2025 में जस्टिस वर्मा के घर आग लगने की सूचना पर दिल्ली फायर सर्विस और दिल्ली पुलिस की टीम पहुंची थी। इस दौरान वहां पर भारी मात्रा में कैश देखा गया, जिनमें से कई नोट आधे जले हुए थे। बाद में इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
जांच समिति की रिपोर्ट
जांच समिति ने 10 दिन में 55 गवाहों से बयान लिए और 14 मार्च को रात करीब 11:35 बजे जस्टिस वर्मा के आधिकारिक आवास का दौरा किया। समिति ने अपनी 64 पन्नों की रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला कि नकदी स्टोर रूम में पाई गई थी, जो जस्टिस वर्मा के कब्जे में थी। समिति ने कहा कि मजबूत अनुमानात्मक सबूतों के आधार पर यह स्थापित होता है कि जली हुई नकदी को स्टोर रूम से निकाला गया था और इतनी बड़ी मात्रा में नकदी जस्टिस वर्मा या उनके परिवार के सदस्यों की मौन या सक्रिय सहमति के बिना नहीं रखी जा सकती थी।
आगे की कार्रवाई
अब जांच रिपोर्ट के आधार पर जस्टिस वर्मा को उनके पद से हटाने की कार्यवाही शुरू हो सकती है। जस्टिस वर्मा को पहले ही दिल्ली से इलाहाबाद में स्थानांतरित कर दिया गया था।