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अमेरिका में मुस्लिम छात्रा के बयान से सनसनी ! इजरायल और अमेरिका की फौज को बताया कातिल! फातिमा को लेकर US में…..

अमेरिका के एक लॉ स्कूल में मुस्लिम छात्रा के भाषण पर विवाद गहराता जा रहा है। 12 मई को न्यूयॉर्क की पब्लिक सिटी यूनिवर्सिटी में फातिमा मूसा मोहम्मद ने इजराइली और अमेरिकी फौज को कातिल बताया था।

फातिमा ने अमेरिकी कानून को गोरों का गुलाम बताने के साथ ही अमेरिकी पुलिस को भी अनिगनत लोगों का हत्यारा करार दिया था। अब यमन मूल की फातिमा की वजह से यह यूनिवर्सिटी ही खतरे में नजर आ रही है।

अमेरिकी सांसद इस यूनिवर्सिटी की फंडिंग बंद करने के लिए संसद में बिल ला रहे हैं। इसके अलावा यहूदी और कुछ दूसरे ग्रुप्स सड़कों पर यूनिवर्सिटी और फातिमा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

कहां से शुरू हुआ मामला

12 मई को पब्लिक सिटी यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन सेरेमनी हुई। यह न्यूयॉर्क लॉ स्कूल के तहत आती है। इसमें कुछ स्टूडेंट्स को स्पीच के लिए सिलेक्ट किया गया। इनमें फातिमा मूसा मोहम्मद भी थीं।
फातिमा पहले भी कुछ ऐसे ग्रुप्स से जुड़ी रही हैं, जो इजराइल और अमेरिकी श्वेत लोगों का विरोध करते हैं। बहरहाल, फातिमा ने स्पीच में कहा- अमेरिकी लीगल सिस्टम को बदलने के लिए रिवोल्यूशन यानी क्रांति की सख्त जरूरत है। यह लीगल सिस्टम सिर्फ गोरों के लिए है। इजराइल के अलावा अमेरिकी पुलिस और फौज अनगिनत लोगों का कत्ल करती है।

‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के मुताबिक- ग्रेजुएशन सेरेमनी को कुनी कहा जाता है। फातिमा ने इसमें लोगों को यहूदियों के कत्ल के लिए उकसाने की साजिश रची। ये कैसे मुमकिन है कि कोई अमेरिका में रहकर वहां की फौज, पुलिस और लीगल सिस्टम को खूनी बताए।

यूनिवर्सिटी के लोगों ने इस मामले को कई दिन तक दबाए रखा। इसके बाद फातिमा की स्पीच सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। कई संगठनों के साथ ही अमेरिकी सांसदों ने खुलकर इसका विरोध किया और फातिमा से माफी की मांग की।

फातिमा चुप, यूनिवर्सिटी मुश्किल में

यूनिवर्सिटी को उम्मीद थी कि कुछ बयानबाजी के बाद मामला ठंडा पड़ जाएगा। बहरहाल, अब उल्टा हो रहा है। सांसद, ब्यूरोक्रेट्स और बेहद ताकतवर यहूदी लॉबी इसके खिलाफ कैम्पेन चला रही है।
शुक्रवार को डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सांसदों ने मीडिया से कहा- कुछ लोग अमेरिकी कानून और इसमें दिए गए अधिकारों का नाजायज फायदा उठाकर हमारे देश में हमें ही नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ अमेरिकी इंस्टीट्यूट्स उनकी मदद कर रहे हैं। ये मंजूर नहीं होगा।
सांसद माइक लावर ने कहा- ये किसी स्टूडेंट की स्पीच थी या किसी कट्टरपंथी नेता की। वक्त आ गया है कि इस तरह के लोगों से सख्ती से निपटा जाए। सबसे पहले तो इस यूनिवर्सिटी को मिलने वाली सरकारी फंडिंग बंद करनी होगी। ये लोग अमेरिकी टैक्स पेयर्स के पैसे पर पलते हैं और उनकी ही जान लेने की साजिश रचते हैं। ऐसे तमाम कॉलेज और यूनिवर्सिटी अब बंद किए जाने चाहिए।
रिपब्लिन सांसद जोश गोथिमेयर ने कहा- सरकार सिर्फ इतना बताए कि ये हेट स्पीच नहीं तो और क्या थी? इस तरह के लोगों की सोसायटी में कोई जगह नहीं है। न्यूयॉर्क सिटी के मेयर एरिक एडम्स ने कहा- ये हरकतें सहन नहीं की जा सकतीं। 1986 में भी इसी तरह की हरकत हुई थी।

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