यही हमारा हिंदुस्तान है. यही हमारी पहचान है. यही हमारी ताकत है. इसी पर हम देशवासी फख्र करते हैं. अपनी इसी अनेकता में एकता के गुमान में दुनिया के दूसरे देशों को उल्हाना देते हैं.
देशभर में होली और जुमे की नमाज़ शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गयी. पिछले 15 दिनों से 14 मार्च को एक साथ पड़ने वाली होली और रमजान के जुमे की नमाज़ का जो डर और संशय बेचा और फैलाया गया, उसे देश के हिन्दू- मुसलमान और ईमानदार प्रशासन ने मिलकर गलत साबित कर दिया.
जी भर कर खेली गई होली
जी भरकर गुलाल उड़ाया.आसपास की धरती और आसमान होली के रंगों और खुशबुओं से दमक और गमक उठे. होली के इस सुरूर और खुमार के बीच ही मुसलमानों ने पूरे अकीदत-ओ-एहतराम के साथ मस्जिदों में जाकर जुमे की नमाज़ अदा की..
हिंदू मुस्लिम ने मिलकर दिया भाईचारे का सदेश
कई जगह दाढ़ी- टोपी और कुरते पाजामे में मुसलमानों को होली की टोलियों में रंग खेलते और गुलाल उड़ाते भी देखा गया. दिल्ली की जामा मस्जिद के पास जुमा की नामज़ पढ़कर आ रहे नमाजियों पर हिन्दुओं ने फूलों की बारिश की.. कई जगह रंगों में नहाकर भूत बने हिन्दू नौजवान मस्जिदों के आगे नमाजियों के लिए ढाल बनकर खड़े देखे गए. पुलिस वालों ने नमाजियों को और नमाजियों ने पुलिस वालों को फूंलों का हार पहनाया.. हिन्दू और मुसलमानों ने एक दूसरे को गुलाल और गले लगाया..
पिछले 15 दिनों से होली रमजान को लेकर छिड़ा था ववाद
पिछले 15 दिनों से मीडिया से होली- रमजान और हिन्दू मुसलमान को छोड़ दिया जाए तो बाकि सभी ख़बरें गायब रही. लेकिन इस देश की शांतिप्रिय और सहिष्णु अवाम ने सभी के नफरती अजेंडे को ध्वस्त कर दिया है..
देश के हिन्दू और मुसलमानों दोनों ने मिलकर नफरत के अजेंडे को ध्वस्त कर दिया.. नफरती सियासत और मीडिया दोनों को निराश कर दिया है. दोनों समुदायों ने साबित कर दिया है, कि होली या रमजान हिन्दुओं या मुसलमानों का नहीं देश का पर्व है. हमारा त्यौहार है.
संभल पर थी पूरे देश की नजर
इस दौरान संभल की शाही जामा मस्जिद में शुक्रवार (14 मार्च) को शांतिपूर्वक जुम्मे की नमाज अदा की गई. रमजान महीने का दूसरा जुम्मा होने की वजह से बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने के लिए जामा मस्जिद पहुंचे. मस्जिद के आसपास पुलिस प्रशासन का कड़ा पहरा लगा हुआ था, जिससे किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.
जुम्मे की नमाज को लेकर डीएम राजेंद्र पैंसिया ने कहा, “उलेमाओं, मुतवल्ली और अन्य लोगों ने अपनी इच्छा से अपील की थी, उसी के मुताबिक जुम्मे की नमाज ढाई बजे आरंभ हुई. जो सफलता के साथ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया.” उन्होंने कहा कि “होली और जुम्मा एक ही दिन होने की वजह से मोहल्ला, गांव से लेकर करके जनपद स्तर तक, माइक्रो लेवल से लेकर मैक्रो लेवल तक हर चीज हम लोगों ने प्लान की थी और उसी के मुताबिक सबकुछ हुआ. जिससे यह कार्यक्रम शांतिपूर्वक ढंग से निपट गया।।