रायपुर पहुंचकर ज्योतिष पीठ के प्रमुख शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, हमें हिंदू राष्ट्र नहीं चाहिए। हम राम राज्य की कामना करते हैं। हिंदू राष्ट्र तो रावण और कंस के पास भी थे, लेकिन प्रजा परेशान थी। सबसे आदर्श कोई राज्य था तो वो था राम राज्य। राजनीतिक पार्टी में शामिल हुए संतों को लेकर कहा कि, ऐसे संत हिंदू महात्मा नहीं हैं। मदरसों की तरह स्कूलों में भी बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जानी चाहिए।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बोले- हिंदूराष्ट्र नहीं,राम राज्य चाहिए:जो संत राजनीतिक दलों में हैं वो हिंदू महात्मा नहीं,मदरसों की तरह स्कूलों में धार्मिक शिक्षा दी जाए
रायपुर पहुंचकर ज्योतिष पीठ के प्रमुख शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, हमें हिंदू राष्ट्र नहीं चाहिए। हम राम राज्य की कामना करते हैं। हिंदू राष्ट्र तो रावण और कंस के पास भी थे, लेकिन प्रजा परेशान थी। सबसे आदर्श कोई राज्य था तो वो था राम राज्य। राजनीतिक पार्टी में शामिल हुए संतों को लेकर कहा कि, ऐसे संत हिंदू महात्मा नहीं हैं। मदरसों की तरह स्कूलों में भी बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जानी चाहिए।
देश में चल रहे कई अलग-अलग मुद्दों पर उन्होंने खुलकर बातचीत की। जानिए, उन्हीं के शब्दों में:-
रायपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, उन्होंने देश के कई मुद्दों पर बातचीत की।
ये तय नहीं है कि हिंदू राष्ट्र का प्रारूप कैसा होगा
- हिंदू राष्ट्र के मसले पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि इसकी बात करने वालों ने कोई प्रारूप ही नहीं बताया है। ये तय नहीं है कि हिंदू राष्ट्र का प्रारूप कैसा होगा। इससे हमारे जीवन में क्या बदलाव आएंगे। इसलिए जब पता ही नहीं है कि इसमें क्या होगा तो न हम इसका समर्थन करते हैं न विरोध करते हैं।
T की किताबों में मुगलों के चैप्टर हटाए जाने पर कहा कि, पहले के समय में हमने हमारे राजाओं को छोड़कर केवल मुगल-मुगल पढ़ाया। अब वो पूरी तरह से हटा देना उतना ही गलत है। जितना की पहले सिर्फ मुगल-मुगल पढ़ाना गलत था। इतिहास के मामले में तो तटस्थ रहना होगा। जो जैसा है उसे वैसा ही पढ़ाया जाए। लेकिन यदि इसके पीछे ये सोच है कि हमारे बच्चे हिंदू राजाओं के बारे में जाने यह उनके काम की बात है मुगलों से क्या लेना-देना तो फिर ठीक है, मगर यदि हम इतिहास पढ़ रहे हैं तब तो जो जैसा है उसे वैसा ही पढ़ाया जाना सही होगा।
- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, शिक्षा व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए। मदरसे में अगर धार्मिक पढ़ाई हो सकती है तो, स्कूलों में हिंदू धर्म की पढ़ाई क्यों नहीं हो सकती। ईसाई मिशनरी वाले स्कूलों में प्रेयर हो सकती है। हिंदू खतरे में है कहा जाता है हिंदू खतरे में तब होगा जब वो अपने धर्म से दूर जाएगा। स्कूलों में बताया ही नहीं जाता कि आचमन कैसे होगा आरती कैसे होगी, संविधान में कहा गया है कि बहुसंख्यक समाज अपनी धार्मिक शिक्षा स्कूलों में नहीं दे सकते तो पहले तो इसे बदलना होगा।
- साईं भगवान नहीं, इस बात का समर्थन…
बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि साईं बाबा भगवान नहीं हैं। इस बयान का स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि, धीरेंद्र कृष्ण के बयान को हमने देखा है उन्होंने शंकराचार्य जी का उल्लेख करते हुए कहा है, शंकराचार्य इस देश में धर्म के प्रधानमंत्री हैं उन्होंने जो कहा उसका पालन हिंदू समाज नहीं करेगा तो कौन करेगा। उन्होंने कहा था साईं बाबा के बारे में इसी वजह से हम समर्थन करते हैं। - राजनीतिक दल से जो ताल्लुक रखते हैं वो संत हिंदू महात्मा नहीं हैं..
देश में कई संत हैं जो राजनीतिक दलों से संबंध रखते हैं, जो संत राजनीतिक पार्टी में शामिल हो जाते हैं, वह हिंदू महात्मा नहीं हैं। राजनीतिक दल के नेता इस शपथ के साथ काम करते हैं कि वो धर्मनिरपेक्ष होंगे। चाहे भाजपा हो या कांग्रेस या कोई भी राजनीतिक दल। इसलिए जो कोई भी संत महात्मा चाहे कितने ही बड़े पद पर हों, जब राजनीतिक दल में चले जाते हैं तो वो धार्मिक नहीं रह जाते। वो धर्मनिरपेक्ष हो जाते हैं।
हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले अमित शाह का घेराव करें- सीएम भूपेश
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के हिंदूराष्ट्र पर दिए बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा ‘सीधी सी बात यह है कि जब देश के गृह मंत्री ने इंटरव्यू में कहा कि देश अंबेडकर साहब के बनाए संविधान के अनुसार चलेगा उसके बाद जितने भी हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले लोग हैं। उनको तो अमित शाह का घेराव कर देना चाहिए।
क्योंकि हिंदू राष्ट्र तो छत्तीसगढ़ से या किसी दूसरे राज्य से लागू नहीं होगा यह तो पूरे देश में लागू होगा और जब देश के गृह मंत्री बयान दे रहे हैं तो उसके खिलाफ में कोई एक शब्द नहीं बोल रहे हैं जो शंकराचार्य ने बात कही बिल्कुल सही कही है। राम राज्य की बात महात्मा गांधी ने भी कही थी। बड़े बुजुर्ग कहते हैं, राम राज्य आना चाहिए। जब कोई अच्छा काम होता है, लोग कहते हैं राम राज्य आ गया है और एक आदर्श स्थिति है।