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रसातल में पहुंचा रुपया ! अब एक डालर के मुकाबले ₹80 तक हुई कीमत! महंगाई बढ़ने की एक वजह है…..

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपया हर दिन गिरावट के नए रिकॉर्ड बना रहा है। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन यानी गुरुवार को रुपया गिरकर 79.88 प्रति डॉलर के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। आपको बता दें कि रुपया मजबूत रुख के साथ 79.72 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 79.71 के उच्चतम स्तर तक गया तो वहीं 79.92 रुपये के निचले स्तर तक आया। अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि शुक्रवार के कारोबार में रुपया 80 के स्तर को पार कर जाएगा।

वजह क्या है: रुपया में गिरावट की सबसे बड़ी वजह डॉलर का मजबूत होना है। दरअसल, अमेरिकी फेड रिजर्व ने महंगाई को काबू में लाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद डॉलर मजबूत हुआ है। गुरुवार की ही बात करें तो दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.37 प्रतिशत बढ़कर 108.36 हो गया।

ये भी एक वजह: रुपये के गिरावट की एक बड़ी वजह कच्चे तेल की रिकॉर्ड कीमतें रही हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय से कच्चे तेल में नरमी जरूर आई है लेकिन यह अब भी रुपया को प्रभावित कर रहा है। बता दें कि वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमतें 97.38 डॉलर प्रति बैरल पर हैं।

शेयर बाजार की गिरावट: रुपया के कमजोर होने की एक बड़ी वजह भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली है। विदेशी निवेशकों के भारतीय बाजार से निकले का सिलसिला करीब छह माह से चल रहा है। इस वजह से शेयर बाजार साल के निचले स्तर तक जा चुका है। अब भी बाजार में बिकवाली बरकरार है। गुरुवार की ही बात करें तो घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई सेंसेक्स 98 अंक लुढ़ककर 53,416.15 अंक पर बंद हुआ।

असर क्या होगा: रुपया के कमजोर होने से देश में महंगाई बढ़ सकती है। इसे समझने के लिए भारत के आयातित प्रोडक्ट पर गौर करना होगा। भारत अधिकतर पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है, जिसका भुगतान डॉलर में होता है। रुपया कमजोर होने से भारत को पहले के मुकाबले ज्यादा भुगतान करना होगा। आयात महंगा होने से तेल कंपनियां पेट्रोलियम उत्पाद के भाव बढ़ा सकती हैं।

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