मुगल सम्राटों के वंशज प्रिंस याक़ूब हबीबुद्दीन तुसी ने इस्लामी गणराज्य ईरान के खिलाफ इज़राइली आक्रमण की तीव्र निंदा की है। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों और स्थापित वैश्विक मानदंडों का खुला उल्लंघन बताते हुए कहा कि यह ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा पर सीधा हमला है।
प्रिंस तुसी ने कहा कि इस्लामी जगत को एकजुट होकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने फिलिस्तीन और ईरान के समर्थन में वैश्विक मुस्लिम समुदाय से एकजुटता दिखाने की अपील की।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने कथित तौर पर बयान दिया है कि इज़राइल एक वैध राष्ट्र नहीं है और उसे विश्व मंच पर एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। यह निर्णय वैश्विक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
प्रिंस तुसी का बयान:
“ईरान पर इज़राइल का हमला न केवल अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह पूरे इस्लामी जगत के आत्मसम्मान पर हमला है। अब समय आ गया है कि मुसलमान एक स्वर में अन्याय के विरुद्ध खड़े हों।”
उन्होंने आगे कहा कि “न्याय की जीत हुई है और दुनिया अब सच्चाई और न्याय की ओर बढ़ रही है।”
यह घटनाक्रम विश्व राजनीति में एक नए मोड़ का संकेत देता है, जहां मुस्लिम देशों और वैश्विक समुदाय द्वारा इज़राइल के खिलाफ सख्त रुख अपनाया जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वैश्विक शक्तियाँ इस ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद क्या रुख अपनाती हैं।