रोपवे हादसा: जब लगा नहीं बचेगी जान…1500 फीट की ऊंचाई पर झूलती ट्रॉलियों में कैसे कटी दो रात…..

झारखंड के रोपवे हादसे का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है. 1500 फीट की ऊंचाई पर झूलती हुईं ट्रॉलियों से लोगों को नीचे उतार लिया गया है. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. आइए सुनते हैं ट्रॉली में फंसे लोगों की आपबीती-

नीचे खाई, ऊपर तूफान और फंसी जान ! झारखंड के देवघर रोपवे हादसे के करीब 45 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया. हालांकि, अभियान खत्म होने से चंद घंटे पहले एक दर्दनाक हादसा हो गया. मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक और महिला नीचे गिर गई. बचाव के दौरान रस्सी टूटने की वजह से हादसा हुआ. महिला की मौत हो गई है.

मंगलवार को 15 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. रोपवे हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. वायुसेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के साथ गरूड़ कमांडो इस रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे थे. सेना का MI-17 हेलिकॉप्टर 2000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहे थे और हवा का दबाव बढ़ने की वजह से लोगों को निकालना बेहद मुश्किल साबित हो रहा था.

सुनिए ट्राली में फंसे लोगों की आपबीती

रोपवे की ट्राली में फंसे बिहार के मधुबनी जिले के एक शख्स ने कहा, ‘जब हम लोग फंसे तो लग रहा था कि कोई नहीं बचेगा, हम लोगों की जान चली जाएगी, लेकिन रेस्क्यू टीम ने हमारी जान बचा ली.’ रेस्क्यू के दौरान एक बच्चे ने कहा, ‘हमको बहुत मजा आया, जब रस्सी ऊपर खीची गई तो हमको बहुत अच्छा लगा था.’

ट्राली में फंसी एक बच्ची ने बताया, ‘जब ट्राली हिल रहा था, तभी डर लग रहा था, वरना कोई डर नहीं लग रहा था, हम सब पूरी रात भूखे रहे, मंगलवार सुबह 11.30 बजे कुछ खाया और पानी पीया.’ बच्ची ने कहा, ‘जब हमें उतारा जा रहा था, तब अच्छा लग रहा था, लेकिन जब बीच में रस्सी रूक गई तो लगा कि गिर जाएंगे.’

Share
Now