जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की मान्यता हो सकती है रद्द ! जानें पूरा मामला…..

अलीगढ़. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की मान्यता अब खतरे में पड़ गई है. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को निरीक्षण के दौरान तमाम खामियां मिली हैं. इसके बाद सभी कमियों को हर हाल में तीन महीने के अंदर दूर करने के निर्देश देने के साथ चेताया है कि कमी दूर न होने पर पर मान्यता समाप्त कर दी जाएगी. दरअसल राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की एक टीम ने पिछले दिनों अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. एनएमसी की इस चेतावनी के बाद एएमयू और मेडिकल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है

वहीं, एएमयू के प्रवक्ता उमर पीर का कहना है कि टीम जब आई थी तब त्योहार के चलते छुट्टी थी. इस वजह से ज्यादातर डॉक्टर मौजूद नहीं थे. इस विसंगति को दूर करने के लिए एनएमसी से दोबारा प्रयास किया जा रहा है और 3 महीने में सभी कमियों को दूर कर लिया जाएगा.

एएमयू प्रशासन ने सितंबर 2021 में जेएन मेडिकल कॉलेज में अगले सत्र के लिए एमबीबीएस सीटों की संख्या को 150 से बढ़ाकर 200 करने के लिए एनएमसी में आवेदन किया था. उनके आवेदन पर अंतिम निर्णय लेने से पूर्व आयोग की टीम 8 जुलाई 2022 को मेडिकल कॉलेज में निरीक्षण करने आई थी. इस टीम ने निरीक्षण के बाद जो रिपोर्ट दी वह काफी चौंकाने वाली है, जिसमें तमाम कमियों का जिक्र किया गया है. इन कमियों के आधार पर चिकित्सा मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड (एमएआरबी) की समिति ने 50 सीटें न बढ़ाने की संस्तुति भी कर दी है. साथ में यह भी कहा है कि अगर इन कमियों को 3 महीने में दूर नहीं किया गया तो एमबीबीएस की सीटें कम करने के साथ-साथ कॉलेज की मान्यता रद्द भी की जा सकती है.

एमएआरबी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में 16 फीसदी सदी फैकल्टी की कमी है. सीनियर रेजिडेंटल 46.2 फीसदी ही हैं. जबकि एनाटॉमी में 5 ट्यूटर, फिजियोलॉजी में 4 ट्यूटर, बायोकेमिस्ट्री 2 ट्यूटर, कम्युनिटी मेडिसिन में 4 ट्यूटर और सामान्य चिकित्सा में 3 एसोसिएट प्रोफेसरों की कमी के साथ कई अन्य कमियां भी पाई गई हैं.

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