हिमाचल BJP में बगावत लगातार जारी ! लाख कोशिशों के बावजूद भी नड्डा और सीएम नहीं कर पा रहे……

हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी में बगावत बढ़ती नजर आ रही है। बगावत के पीछे का मुख्य कारण टिकट बंटवारा बताया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने नामांकन पत्र दाखिल करने के आखिरी दिन कुल्लू सदर सीट पर अपने उम्मीदवार महेश्वर सिंह को बदल दिया था। इसकी वजह बताई गई कि सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह ने बंजार सीट पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया था। इसलिए पार्टी ने बेटे की सजा पिता को दी। लेकिन ये इकलौता मामला नहीं है।

भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ पर्चा दाखिल कर रहे बागी

इससे पहले भी भाजपा के कई नेताओं ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है। हालांकि पार्टी में बढ़ रही बगावत को साधने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और खुद सीएम जयराम ठाकुर ने भी काफी कोशिशें की हैं लेकिन अब तक सब बेकार नजर आ रही हैं। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बुधवार को अपने गृह जिला मंडी स्थित करसोग विधानसभा क्षेत्र का औचक दौरा किया। चुनाव से पहले इस तरह के दौरे आम हो सकते हैं, लेकिन ठाकुर की यात्रा का उद्देश्य अलग था। दरअसल सीट से पूर्व भाजपा विधायक युवराज कपूर के साथ शांति स्थापित करने के लिए सीएम को बुलाया गया था। पूर्व भाजपा विधायक युवराज ने करसोग से टिकट न मिलने पर बागी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, युवराज कपूर खेमे का कहना है कि उन्हें एक “बाहरी” दीप राज के लिए टिकट नहीं दिया गया। युवराज कपूर से मिलने के बाद, सीएम जयराम ठाकुर ने दावा किया कि चीजों को सुलझा लिया गया है और वे भाजपा को समर्थन देंगे। हालांकि, बहुत से लोग आश्वस्त नहीं हैं, और नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन 29 अक्टूबर का इंतजार कर रहे हैं।

भाजपा 11 मौजूदा विधायकों का काटा टिकट

भाजपा अपने सख्त कैडर कोड और अनुशासन के लिए जानी जाती है। लेकिन हिमाचल में भाजपा को नाराज नेताओं और संभावित विद्रोहों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य कारणों में से एक 11 मौजूदा विधायकों को टिकट न देने और कई नए चेहरों को मैदान में उतारने का निर्णय है। सबसे बड़ा आश्चर्य पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का था। कयास तो ऐसे लगाए जा रहे हैं कि वे राज्य में भाजपा के साथ लंबी पारी खेलने के बाद अपना नाता तोड़ रहे हैं

Share
Now