राम मंदिर के भूमिपूजन की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, हलचल बढ़ती जा रही है। देशभर मे मंदिर निर्माण में सहयोग देने की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। भूमि पूजन के लिए पवित्र नदियों का जल और तीर्थ स्थलों की पवित्र मिट्टी लाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास करेंगे। आइए आपको बताते हैं कि मंदिर निर्माण के लिए क्या-क्या तैयारियां की जा रही हैं-
भूमि पूजन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल।
अयोध्या में भूमि पूजन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जाएगा। जानकारी के मुताबिक, 50 तरह के ब्लॉक बनाए जाएंगे। एक ब्लॉक कारसेवकों के लिए होगा, एक ब्लॉक ऐडवोकेट के लिए, एक ब्लॉक बिजनसमैन के लिए तो एक ब्लॉक मंत्रियों और आरएसएस के लोगों के लिए होगा। प्रमुख इमारतों और मंदिरों में लाइट और दीये जलाए जाएंगे। जगह-जगह बड़ी स्क्रीन लगाई जाएंगी जिसमें लोग कार्यक्रम का लाइव टेलिकास्ट देख सकेंगे।
भगवान राम, उनके भाई-लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न 5 अगस्त को राम मंदिर के ‘भूमिपूजन’ के अवसर पर रत्नजड़ित पोशाक पहनेंगे। रामदल सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित कल्की राम ने भगवान की मूर्तियों पर ये पोशाक पहनाएंगे। इन पोशाकों पर नौ तरह के रत्न लगाए गए हैं। भगवान के लिए वस्त्र सिलने का काम करने वाले भगवत प्रसाद ने कहा कि भगवान राम हरे रंग की पोशाक पहनेंगे। भूमिपूजन बुधवार को होना है और इस दिन का रंग हरा होता है।
पूरे देश के राम भक्तों को कार्यक्रम से जोड़ने के लिए उनके इलाके के मठ-मंदिरों की मिट्टी व नदियों, धार्मिक महत्व कुंडों का पवित्र जल अयोध्या पहुंचाया जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के मुताबिक, कोरोना संकट के कारण श्रद्धालु खुद तो नहीं आ पा रहे हैं, लेकिन स्पीड पोस्ट के जरिए नदियों का जल और पवित्र स्थलों की मिट्टी के पैकेट अयोध्या ट्रस्ट को भेजे जा रहे हैं।
बिहार में भूमि पूजन का उत्साह।
बिहार से 500 पैकेट आए हैं। बिहार के लोग प्रभु राम को अपना जमाई मानते हैं इसलिए वे मंदिर निर्माण के लिए विशेष तौर पर उत्साहित हैं। छत्तीसगढ़ के वनवासी समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में अपने मंदिरों की मिट्टी और नदियों का जल अयोध्या पहुंचा रहे हैं। ट्रस्ट की बैठक में देशभर की नदियों का जल और मिट्टी मंगवाकर मंदिर की नींव डालने के कार्यक्रम में मुहर लगी थी।
उत्तराखंड के बदरीनाथ से मिट्टी और अलकनंदा नदी से जल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भेजा गया। यहां से विश्व हिंदू परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल मिट्टी और जल लेकर अयोध्या के लिए सोमवार को रवाना हुआ।
भव्य दीपावली मनाने की तैयारियां।
अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण सिर्फ पत्थरों से किया जाएगा। राम मंदिर निर्माण के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं।भूमि पूजन से पहले ही अयोध्या में जश्न का माहौल है। सीएम योगी आदित्यनाथ के 4 और 5 को भव्य दीपावली मनाने की तैयारी पूरी है ,लेकिन श्रद्धालु आराध्य के मंदिर निर्माण की खुशी रोक नहीं पा रहे हैं। बीती देर शाम को राजस्थान के बीकानेर से आए लोगों ने सरयू तट पर आंजनेय सेवा संस्थान के नित्य सरयू आरती स्थल पर सैकड़ों की संख्या में दीप जलाए। दल के मुखिया श्याम सिंह के मुताबिक मंदिर निर्माण की खुशी में दर्जनों की संख्या में वे लोग आएं हैं। उन्होंने बताया उनकी कोशिश रहेगी कि इसी तरह प्रतिदिन 5 अगस्त तक दीप जलाकर खुशी मनाएं।
मंदिर की नींव में टाइम कैप्सूल।
मंदिर नींव में टाइम कैप्सूल भी डाला जाएगा। यह टाइम कैप्सूल मंदिर की नींव में 200 फीट नीचे डाला जाएगा। इसे काल पत्र कहा जा रहा है।भविष्य में जब कोई भी इतिहास देखना चाहेगा तो रामजन्मभूमि के संघर्ष के इतिहास के साथ तथ्य भी निकल कर आएगा ताकि कोई भी विवाद यहां उत्पन्न न हो सके।
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