यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल कर ली है। पिछली बार भाजपा को मिली जीत में अपना योगदान बताने वाले सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर अपनी सीट को बचा ले गए लेकिन बेटे की हार नहीं बचा सके हैं
राजभर का बेटा अरविंद राजभर वाराणसी की शिवपुर सीट से कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर से हार गया है। हालांकि ओमप्रकाश राजभर को पिछले चुनाव के मुकाबले फायदा ही हुआ है। पिछली बार उनकी पार्टी ने चार सीटें जीती थीं। इस बार छह सीटों पर जीत हासिल की है।
सपा-सुभासपा गठबंधन को मिली हार के सवाल पर राजभर ने कहा कि जहां-जहां हम काम करते हैं, वहां-वहां गठबंधन ने भारी जीत हासिल की है। उन्होंने पूर्वांचल के जिलों का नाम गिनाते हुए कहा कि गाजीपुर में सभी सीटें जीत ली है। आजमगढ़, अंबेडकरनगर, बस्ती, बलिया, मऊ जैसे जिलों में हम काफी सफल हुए हैं। हम यहां से बाहर फेल हुए, वहां की समीक्षा करेंगे और पता करेंगे।
राजभर ने गठबंधन की हार का ठीकरा मायावती पर फोड़ते हुए कहा कि भाजपा को जिताने में बसपा मात्र एक सीट किसी तरह से बचा पाई है। वहां भी हमारे प्रत्याशी ने 80 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए। बसपा को केवल पांच हजार वोटों से जीत मिली है।
राजभर ने कहा कि बसपा नेताओं से पूछना चाहिए कि बीजेपी को जिताते-जिताते एक सीट पर आ गए। कहां गया बाबा साहेब अंबेडकर का मिशन। कांशीराम के मिशन की बात करने वाले बीजेपी को जिताने लगे। हम तो सपा के साथ जाकर छह सीट जीते हैं। बसपा एक सीट केवल जीत सकी। वह अपने को राष्ट्रीय पार्टी कहती हैं, अब तो हम उनसे बड़ी पार्टी हो गए।