कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजधानी में विधानसभा घेराव करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हुई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी की, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने 22 गोदाम सर्किल के पास बैरिकेडिंग कर मार्च रोका। राजधानी में सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति बन गई। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई विवादित टिप्पणी और छह विधायकों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा घेराव की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए 22 गोदाम सर्किल पर बैरिकेडिंग की, जहां कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प देखने को मिली।
वही, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी की। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा और एक-एक कर हिरासत में लिया। बैरिकेडिंग के बीच बने कांग्रेस मंच से नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और सरकार पर निशाना साधा। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन के बाहर आकर बयान दिया। सदन में तीन दिन से गतिरोध चल रहा था उसे तोड़ने के लिए संसदीय मंत्री और स्पीकर से बातचीत हुई। जो बात सत्ता पक्ष चाहता था उस पर हम सभी सहमत भी हो गए लेकिन इसके बाद भी सदन को चलाने की सरकार की मंशा नजर नहीं आ रही है।
बता दे की सोमवार को प्रश्नकाल की कार्रवाई शुरू होते ही हंगामा हो गया। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत निलंबित 6 विधायकों को सदन से जाने को कहा। निलंबित विधायक सदन में डटे रहे। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। इसके बाद सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों वार्ता के लिए स्पीकर के चैंबर में पहुंचे। प्रश्नकाल के बाद स्पीकर सदन की कार्रवाई फिर से शुरू करने के लिए पहुंचे। इसके बाद जूली और डोटासरा भी सदन में आ गए। कांग्रेस विधायक नारेबाजी कर रहे थे। स्पीकर ने उन्हें सदन से बाहर जाने के लिए कहा। इसके बाद तैश में आए कांग्रेस विधायक फिर से स्पीकर के आसन की तरफ बढ़ गए और मामला बिगड़ गया।
रिपोर्ट:- कनक चौहान