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मस्जिदों में रात 10: बजे से सुबह 6:बजे तक लाउडस्पीकर पर लगी रोक-प्रदेश सरकार ने किया सर्कुलर जारी….

  • कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड ने ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से दरगाहों और मस्जिदों पर बजने वाले लाउडस्पीकर को लेकर सर्कुलर जारी किया है. 
  • इस सर्कुलर में रात दस बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है.
  • साथ ही दिन में लाउडस्पीकर की आवाज की तेजी को एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड के मानकों के हिसाब से रखने को कहा है. 
  • इसके अलावा लाउडस्पीकर का इस्तेमाल अजान और जरूरी सूचनाओं के ऐलान के लिए ही करने को कहा गया है.…

कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड ने दरगाहों और मस्जिदों पर चलने वाले लाउडस्पीकर को लेकर सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से रात दस बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। 

इसके अलावा दिन में लाउडस्पीकर की आवाज की तेजी को एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड के मानकों के हिसाब से रखने को कहा गया है। 9 मार्च के इस सर्कुलर में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल अजान और जरूरी सूचनाओं के ऐलान के लिए ही करने को कहा गया है। साथ ही इस नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाए जाने की बात है।

इसके अलावा अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान मस्जिद प्रांगण में मौजूद स्पीकर का ही इस्तेमाल करने को कहा गया है। साथ ही किसी भी अवसर पर मस्जिद के आस-पास या मस्जिद में ऊंची आवाज के पटाखों के इस्तेमाल करने पर भी पाबंदी लगाई गई है। इसके अलावा पर्यावरण अधिकारी से सलाह करके ध्वनि तंत्र लगवाने की बात कही गई है। साथ ही मस्जिद के अंदर मुअज़्ज़िन को एंप्लिफायर के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देने की बात कही गई है।

सर्कुलर में साफ कहा गया है कि- अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और अदालतों के आसपास 100 मीटर से कम दूरी के क्षेत्रों को साइलेंस ज़ोन के रूप में घोषित किया जाता है। जो कोई भी ध्वनि एम्पलीफायर, पटाखों,  लाउडस्पीकर या पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग करता है वह दंड के तहत उत्तरदायी है।

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