Covid 19 से निपटने के लिए आज से तैयारियां तेज। दिल्ली यूपी समेत कई राज्यों में आज से होगी…..

कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट हैं और तैयारियां तेज कर दी हैं। कुछ देशों में कोविड-19 मामलों में तेजी के बीच केंद्र ने सोमवार को मॉक ड्रिल के संबंध में एडवाइजरी जारी की थी। दिल्ली में एलएनजेपी अस्पताल और दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में ड्रिल होगी। इसके अलावा यूपी व अन्य राज्यों में भी आज मॉक ड्रिल होगी।

केंद्र की सलाह के बाद कोरोना से संबंधित किसी भी घटना से निपटने के लिए और तत्परता सुनिश्चित करने के लिए राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के अस्पतालों में आज (27 दिसंबर) को एक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, आइसोलेशन बेड की क्षमता, ऑक्सीजन-समर्थित बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर-समर्थित बेड, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स, आयुष डॉक्टरों की अधिकतम उपलब्धता जैसे मापदंडों को परखेगा। इस दौरान आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ता की भी जानकारी ली जाएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कोरोना की स्थिति और तैयारियों के संबंध में सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ वर्चुअल बैठक की थी। उन्होंने बताया था कि मंगलवार को पूरे देश में सभी COVID अस्पतालों में एक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसमें सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री भी अपने स्तर पर हिस्सा लेंगे।

दिल्ली में आज मॉक ड्रिल
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि दिल्ली भर के अस्पताल 27 दिसंबर को कोविड-19 मामलों में किसी भी वृद्धि से निपटने के लिए बेड और मैनपावर की उपलब्धता सहित अपनी तैयारियों का आकलन करने के लिए मॉक ड्रिल करेंगे। कुछ देशों में कोविड-19 मामलों में तेजी के बीच केंद्र ने सोमवार को इस आशय की एडवाइजरी जारी की थी। राष्ट्रीय राजधानी में एलएनजेपी अस्पताल और निजी अस्पतालों जैसे दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में ड्रिल होगी।

सिसोदिया ने कहा कि केंद्र के निर्देशों के बाद मंगलवार को सभी अस्पतालों में एक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी ताकि कोविड प्रबंधन के लिए उनकी तत्परता की जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी भी अंतराल पर तुरंत ध्यान दिया जाएगा। मॉक ड्रिल में बिस्तर की उपलब्धता, जनशक्ति, रेफरल संसाधन, परीक्षण क्षमता, चिकित्सा रसद, टेलीमेडिसिन सेवाओं और चिकित्सा ऑक्सीजन की उपलब्धता सहित अन्य बातों का आकलन किया जाएगा।

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