भारत में सरकारी नौकरी को लेकर पढ़े-लिखे युवाओं में एक अलग क्रेज देखने को मिलता है।
ऐसे में अगर कोई सरकारी नौकरी छोड़ दे तो समाज और परिवार भी उसके इस फैसले पर कभी साथ नहीं होता है।
प्रेमसुख डेलू का परिवार मूल रूप से राजस्थान के बीकानेर का रहने वाला है। प्रेमसुख बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थे।
करीब छह साल में प्रेमसुख ने 12 परीक्षाएं क्लियर कर दी थी। इन परीक्षाओं से सरकार नौकरी तक पहुंचने का रास्ता साफ होता है।
लेकिन उन्होंने तो कुछ और ही ठान रखी थी। साल 2010 में वह सबसे पहले बीकानेर जिले में पटवारी बने थे।