- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर राज्यसभा को संबोधित किया.
- कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद समेत चार सांसदों को आज सदन में विदाई दी जा रही है. इसी दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने गुलाम नबी आजाद की जमकर तारीफ की.
- एक आतंकी घटना के बाद गुलाम नबी आजाद के साथ फोन पर हुई बात का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में भावुक हो गए. .
- पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए कहा कि वो यहां के घर में बगीचे को संभालते हैं, जो कश्मीर की याद दिलाता है.
नई दिल्ली: राज्यसभा से आज कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद समेत चार सदस्यों की विदाई हो रही है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रो-रोकर गुलाम नबी आजाद की तारीफ में कसीदे गढ़े. पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि गुलाम नबी आजाद ने उस दिन उनको फोन किया और वह फोन पर ही बहुत रो रहे थे. उस वक्त मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. गुलाब नबी आजाद से मेरे रिश्ते दोस्ताना रहे हैं. राजनीति में बहस वार पलटवार चलता रहता है. लेकिन एक मित्र होने के नाते मैं उनका बहुत आदर करता हूं.
सिर्फ दल की ही नहीं, देश की भी चिंका करते थे गुलाम नबी- मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ”मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी आजाद जी के बाद इस पद को जो संभालेंगे उनको गुलाम नबी दी से मैच करने में बहुत दिक्कते होंगी, क्योंकि गुमाब नबी जी अपने दल की चिंता करते थे. साथ ही देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे. ये छोटी बात नहीं है. वरना विपक्ष के नेता के रूप में हर कोई अपना दबदबा कायम करना चाहता है. मैं शरद पवार जी को भी इसी कैटेगरी में रखता हूं.” उन्होंने कहा, ”कोरोना काल के दौरान मुझे गुलाम नबी जी का फोन आया और उन्होंने मुझसे कहा कि सभी पार्टी अध्यक्षों की मीटिंग जरूर बुलाइए. इसके बाद मैंने गुमाब नबी जी के सुझाव पर मीटिंग बुलाई.”
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की घटना का जिक्र करते हुए भावुक हुए मोदी
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की घटना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने बताया, ”वह जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. हम दोनों की बहुत गहरी निकटता थी. एक बार गुजरात के यात्री जम्मू-कश्मीर घूमने गए और आतंकियों ने उनपर हमला कर दिया. करीब आठ लोग मारे गए. सबसे पहले गुलाम नबी जी ने मुझे फोन किया.” इतना कहते ही पीएम मोदी भावुक हो गए. उनकी आंखों से आंसु नहीं रुक रहे थे. संसद एक दम खामोश हो गई और वह सुबकियां ले रहे थे. फिर पीएम मोदी ने पानी पिया और अपने आप को संभाला.
पीएम मोदी ने आगे कहा, ”वह फोन मुझे सूचना देने का नहीं था. उनके आंसू रुक नहीं रहे थे. उस वक्त प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री थे. मैंने उन्हें फोन किया कि अगर फोर्स का हवाईजहाज मिल जाए शव लाने के लिए तो सही रहेगा. उन्होंने कहा कि मैं व्यवस्था करता हूं. इसके बाद गुलाम नबी आजाद जी का एयरपोर्ट से फिर से फोन आया. जैसे कोई अपने परिवार की चिंका करता है, वैसे ही चिंता गुलाम नबी आजाद ने उस दिन की.
किन सांसदों की हुई विदाई?
- गुलाम नबी आजाद
- शमशेर सिंह
- मोहम्मद फयाज
- नाजिर अहमद