राजस्थान में कांग्रेस पार्टी द्वारा सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद, पायलट की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है, मंगलवार को सचिन पायलट ने कांग्रेस के फैसले के बाद, ट्विटर पर ट्वीट किया है कि, ‘सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.’
सचिन पायलट ने इसके साथ ही अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस का नाम भी हटा दिया है। पायलट ने अपने अकाउंट पर अब खुद को टोंक का विधायक बताया है। तो वहीं, पायलट के इस ट्वीट के बाद, उनके अगले कदम को लेकर तमाम तरह के कयास लगने लगे हैं, साथ ही कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि, सचिन पायलट कांग्रेस छोड़ सकते हैं या फिर वह कोई अलग पार्टी बना सकते हैं।
हालांकि, सचिन पायलट ने सोमवार को साफ किया था कि, न तो वे कांग्रेस छोड़ रहे हैं और न ही बीजेपी में शामिल होंगे। लेकिन पायलट के इस ट्वीट ने कयास को हवा जरूर दे दी है. इससे पहले सोमवार को पायलट ने दावा किया था कि, अशोक गहलोत सरकार अल्पमत है और सीएम को अगर विश्वास है कि, उनके पास बहुमत है तो वह फ्लोर टेस्ट कराएं। वही आज, मंगलवार को जयपुर में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ऐलान किया है कि, पार्टी ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम के पद से हटा दिया है। इसके साथ ही, पार्टी ने सचिन पायलट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी छीन लिया है।
इसके साथ ही रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ऐलान किया है कि, अशोक गहलोत सरकार में मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा अब राजस्थान के नए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होंगे। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से हटा दिया है। इसके अलावा, राजस्थान कांग्रेस ऑफिस में पीसीसी चीफ के नेम प्लेट में पायलट की जगह गोविंद सिंह डोटासरा का नाम लिखा दिया गया है।
आपको बता दें कि, मंगलवार को जयपुर में होटल फेयरमांट में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी और इसमें सचिन पायलट समेत उनके कैंप के तमाम विधायक नहीं पहुंचे थे। इसके बाद से ही, कयास लगाए जा रहे थे कि, कांग्रेस पार्टी सचिन पायलट पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है। वहीं सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उपस्थित 102 विधायकों ने सर्वसम्मति से मांग की थी कि, सचिन पायलट को पार्टी से हटा दिया जाना चाहिए।