पटना, 21 अक्टूबर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है यह बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की इतनी खस्ताहाल है, की बिहार का जनता डेंगू से त्रस्त, स्वास्थ्य मंत्री सत्ता में मदमस्त और स्वास्थ्य विभाग पस्त जिनका लड़का बिहार का स्वास्थ्य मंत्री है उनके पिता इलाज कराने सिंगापुर गए हैं। बिहार में चारों ओर डेंगू और टाइफाइड से लोग त्राहिमाम किए हुए हैं, स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराया हुआ है, सरकार सत्ता में मदमस्त है।
सरकारी बयान बहादुर अपना सियासी भोंपू बढ़ा चढ़ा कर के बजा रहे हैं। कहीं भी ना ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हो रहा है ना व्यवस्थित तरीके से फौगिंग हो रही है, सिर्फ किरासन तेल छिड़ककर के खानापूर्ति हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री फॉगिंग के लिए रोज रथ रवाना कर रहे हैं, लेकिन कभी-कदार दिन रात में शायद ही इक्का दुक्का फौगिंग होता दिखाई पड़ रहा है।
अस्पतालों में (बेड) जगह नहीं है, दवा का समुचित प्रबंध नहीं है, पेशेंट बाहर से दवा ला रहे हैं, आम जनता किसी तरह से जान बचा रहे हैं। जांच की पूरी व्यवस्था नहीं है और स्वास्थ्य मंत्री सीना पीटने में लगे हुए हैं, मैंने यह कर दिया मैंने वह कर दिया।
पटना नगर निगम रिहायशी इलाकों में कूड़ा डंपिंग यार्ड बना करके, डेंगू का जंजाल फैला रखा है। उसको ना ढकने का प्रबंध है, न तो उस पर दवा का छिड़काव हो रहा है, जिसके चलते उसके आसपास के पूरा घर का घर बीमार है, और लोग त्राहिमाम कर रहे हैं।
श्री अरविन्द ने कहा है कि मोदी सरकार बिहार में बनाएगी 14 मेडिकल कॉलेज, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में बूम ला रही मोदी सरकार। इससे एमबीबीएस की सीटों में भी होगी बढ़ोत्तरी, और हर मेडिकल कॉलेज पर औसतन 325 करोड़ रूपए खर्च होगा।
दस लाख से अधिक आबादी वाले जिलों में मेडिकल कॉलेज बनेगा।
मैं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री से मैं मांग करना चाहता हूं कि डेंगू का इलाज का समुचित प्रबंध कराया जाए, और नगर निगम से डीडीटी पाउडर और पर्याप्त फागिंग की व्यवस्था की जाए।
अस्पतालों में पानी से लेकर के दवाइयों फ्रि में उपलब्ध कराई जाए और दवा, पानी, ओआरएस और प्लेटलेट का समुचित व्यवस्था की जाए । कहीं पर एक्स्ट्रा डेंगू मरीजों के लिए तत्काल अस्पताल बनवा कर के इसके इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए, नहीं तो बिहार में महामारी का रूप ले लेगा डेंगू और टाइफाइड।
मोहल्लों मोहल्लों में कैंप लगाकर के डेंगू और टाइफाइड की जांच कराई जाए और राज्य सरकार इसको गंभीरता से लें।