बागेश्वर धाम से लगातार गायब हो रहे हैं लोग ! पुलिस भी नहीं कर पा रही तलाश 4 महीने में 21……

इन दिनों बागेश्वर धाम की चर्चाएं पूरे देश में हैं. भक्त में मन में बहुत सारी इच्छाओं की पूर्ति की मनोकामना लेकर यहां मंदिर दर्शन करने के लिए आते हैं. लेकिन साेचने की बात है कि पिछले कुछ महीनों से यहां से लगातार लोग गायब हो रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो 1 जनवरी 2023 से लेकर अब तक बागेश्वर धाम से 21 लोगों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है. लोग अपनी अर्जी लगाने के लिए बागेश्वर धाम में पहुंचते हैं. जिसमें मंगलवार और शनिवार को भक्तों की अधिक भीड़ होती है. जिसकी संख्या लाखों में पहुंच जाती है. ऐसे में बागेश्वर धाम से कई लोग अपनों को भी खोते जा रहे हैं. अपनी इच्छाओं की पूर्ति के बदले लोगों को खोने का गम भक्तों है. बात ये है कि पिछले 4 महीनों में बागेश्वर धाम से एक के बाद एक लोग गायब हो रहे हैं. जिनमें से कुछ की तो तलाश की जा चुकी है, लेकिन कुछ के परिजन आज भी अपनों के आने का इंतेजार कर रहे हैं.

सामान्य लोगों के अलावा कई मानसिक बीमार गायब
गायब होने वाले लोगों में कई मानसिक बीमार तो कई सामान्य लोग शामिल है. कई ऐसे हैं जो भीड़ भाड़ अधिक होने की वजह से अपने परिवार वालों से बिछड़ गए हैं. जिनका भी कोई पता नहीं लगा है. पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक जनवरी से अब तक बागेश्वर धाम से 21 लोग मिस हुए हैं.

परिजनों को अपनों का इंतेजार
बमीठा थाने में 1 जनवरी से मई माह तक 21 लोगों गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई है. जिसमें से पुलिस अब तक केवल 9 लोगों को ही ढूंढ पाई है. जिन्हें पुलिस ने परिजनों के सुपुर्द कर दिया है. इन लोगों के मिलने के बाद भी एक दर्जन से अधिक लोग लापता हैं. जिन्हें पुलिस ढूंढने में लगी है, लेकिन अभी तक न तो पुलिस उनका कुछ पता लगा पाई और नही उन तक पहुंच पाई. मिसिंग लोगों तक छतरपुर जिले की पुलिस नहीं पहुंच पा रही है और पुलिस के कप्तान अमित सांघी का कहना है कि मिस हुए अन्य 12 लोगों तक भी पुलिस पहुंचने का लगातार प्रयास कर रही है. अब ये प्रयास किस लेवल पर किए जा रहे हैं और मिसिंग हुए लोगों को कितना ट्रेक किया जा रहा है. ये तो पुलिस और उनके पुलिस कप्तान ही जाने. लेकिन लापता हुए लोगों के परिजन आज भी आपनों के इंतेजार में बैठे हैं. वे कई बार थानें में चक्कर भी लगा चुके हैं. अपनी तरफ से उन्हें खोजने के कई प्रयास कर चुके हैं, लेकिन सिवाय निराशा के उनके हाथ कुछ नहीं लग रहा है.

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