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सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी करते हुए पास की NDA की परीक्षा, हासिल किया….

अल्लामा इकबाल का एक शे’र है कि -ख़ुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तक़दीर से पहले, ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे कि बता तेरी रज़ा क्या है. (अर्थ – खुद को इतना मज़बूत करो, कि तक़दीर लिखने से पहले ईश्वर स्वयं तुमसे पूछे कि बताओ ए बंदे तुम क्या चाहते हो ?) एनडीए की परीक्षा में 267 वाँ रैंक लाकर राजस्थान के नरेंद्र ने इस शे’र को सौ प्रतिशत चरितार्थ कर दिखाया है. नरेंद्र राजस्थान के अलवर जिले के एक छोटे से गाँव पहाड़ी का बाशिन्दा है. दो दिन पहले निकले एनडीए की परीक्षा परिणाम में नरेंद्र ने 267 वाँ रैंक हासिल किया है.

भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने का सपना –
नरेंद्र का सपना बचपन से हीं भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने का था. मगर सपने का क्या ..सपना तो हर कोई देखता है, पर उसे साकार करने के लिए कर्म भी करने पड़ते हैं. और नरेंद्र ने वही किया. अपने सपनों को साकार रूप देने के लिए नरेंद्र ने अथक परिश्रम किए. आईए आप भी एक नज़र डालिए नरेंद्र के मेहनत वाले उस प्रेरक सफ़र पर जिसने नरेंद्र के सपनों पर सच की मुहर लगा दी.

मज़बूत इरादे –
अलवर में नरेंद्र के पिता के पास केवल दो बीघा जमीन है. नरेंद्र की माता एक साधारण गृहणी है. नरेंद्र बचपन से हीं इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बनना चाहता था. पर घर की आर्थिक स्थिति इतनी मज़बूत नहीं थी कि नरेंद्र की शिक्षा का सफ़र अबाध गति से चल पाता. अलवर जिले के हीं यूनिक स्कूल से 2019 में दसवीं की पढ़ाई पूरी होने के बाद नरेंद्र के आगे की पढाई में आर्थिक व्यवधान आने लगे. पर नरेंद्र के इरादे मज़बूत थे. अलवर से 11वीं की पढ़ाई के बाद नरेंद्र ने घर छोड़ दिया. वह जयपुर की एक कंपनी में सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी करने लगा. करीब छह महीने तक नौकरी करने के बाद नरेंद्र ने नौकरी छोड़ दी और चंडीगढ़ आ गया. यहाँ उसने सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी से जोड़े गए पैसों से एनडीए की परीक्षा के लिए करीब चार महीने तक कोचिंग की. सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी से उसे करीब 10,000 रुपये मासिक वेतन मिला था. इसके अलावा वह ऑनलाइन कोचिंग भी करता रहा. इस बीच नरेंद्र ने 12 वीं की पढ़ाई के लिए 2021 में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में ऑनलाइन आवेदन किया और शहर के सरकारी स्कूल में दाखिल ले लिया. नरेंद्र 12वीं की पढ़ाई और एनडीए की तैयारी में लगातार सन्तुलन बनाकर चलता रहा. मई, 2021 में उसने एनडीए की परीक्षा दी और परीक्षा उत्तीर्ण कर ली. नवंबर में इंटरव्यू के बाद जब परीक्षा का परिणाम आया तो नरेंद्र की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. वह न सिर्फ़ परीक्षा में पास हो गया था बल्कि छात्रों के लिए उसने एक मिसाल भी कायम कर दी थी.

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