
पाकिस्तान विरोधी रैली में सैकड़ों अफगान, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थी, काबुल की सड़कों पर उतरी और उन्होंने इस्लामाबाद और आईएसआई के खिलाफ नारे लगाए। जैसे ही इन लोगों का विरोध तेज हुआ, तालिबान ने रैली पर गोलियां चला दीं।
पाकिस्तान विरोधी रैली में सैकड़ों अफगान, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थी, काबुल की सड़कों पर उतरी और उन्होंने इस्लामाबाद और आईएसआई के खिलाफ नारे लगाए। जैसे ही इन लोगों का विरोध तेज हुआ, तालिबान ने रैली पर गोलियां चला दीं।
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, तालिबान ने काबुल में पाकिस्तान विरोधी रैली को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं।
एक स्थानीय मीडिया आउटलेट असवाका न्यूज ने बताया कि तालिबान ने काबुल में राष्ट्रपति भवन के पास जमा हुए प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। प्रदर्शनकारी काबुल सेरेना होटल की ओर मार्च कर रहे थे, जहां पिछले सप्ताह से पाकिस्तान आईएसआई निदेशक ठहरे हुए हैं।
जैसे ही गुस्सा बढ़ा, अफगान प्रदर्शनकारियों ने “आज़ादी, आज़ादी” और “पाकिस्तान को मौत”, “आईएसआई को मौत” के नारे लगाने शुरू कर दिए। नकाब और बुर्का पहने महिलाएं काबुल की सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगा रही थीं।
ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में, एक अफगान महिला कहती है, “किसी को भी पंजशीर पर आक्रमण करने का अधिकार नहीं है, न ही पाकिस्तान और न ही तालिबान।” तालिबान ने सोमवार को दावा किया कि उन्होंने पंजशीर घाटी पर कब्जा कर लिया है, जहां से तालिबान के खिलाफ प्रतिरोध बल कड़ी लड़ाई लड़ रहे थे।
तालिबान पर खासा प्रभाव रखने वाली पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख ने शनिवार को काबुल का औचक दौरा किया।
अफगानिस्तान पर अमेरिकी युद्ध के 20 वर्षों के दौरान पाकिस्तान तालिबान का प्रबल समर्थक रहा है। तालिबान ने पाकिस्तान को अपना “दूसरा घर” भी कहा है, साथ ही देश को जल्द ही सरकार गठन समारोह के लिए आमंत्रित किया है।