बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई महागठबंधन सरकार 24 अगस्त को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी और उससे पहले 16 अगस्त को सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। इससे ठीक पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमाम ने मुसलमान उपमुख्यमंत्री बनाने की बात उठा दी है। विधायक अख्तरुल इमाम ने कहा कि जब सबसे ज्यादा वोट शेयर माइनॉरिटी का है तो प्रदेश में एक मुस्लिम डिप्टी सीएम बनना चाहिए। एआईएमआईएम ने कहा कि जब जाति देखकर मंत्रालय दिया जाता है तो इस हिसाब से एक मुस्लिम उप-मुख्यमंत्री भी होना चाहिए।
अख्तरुल इमाम ने कहा, “आंध्र प्रदेश में पांच, उत्तर प्रदेश में भी एक से अधिक मुख्यमंत्री हैं। बिहार में भी एनडीए सरकार में दो-दो डिप्टी सीएम थे। इस सरकार में भी एक से अधिक डिप्टी सीएम होने से बिहार के जनता का विश्वास और मजबूत होगा।”
ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पांच विधायकों में से चार एमएलए जून में आरजेडी में शामिल हो गए थे। अब बिहार में अख्तरुल इमाम एआईएमआईएम के इकलौते विधायक हैं। ओवैसी सेकुलर राजनीति करने वाले महागठबंधन की तीन पार्टियों आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस पर मुस्लिम डिप्टी सीएम बनाने का दबाव डाल रहे हैं।
रामविलास पासवान ने भी उठाई थी बिहार में मुसलमान सीएम की मांग
बिहार की राजनीति में इसी तरह एक समय रामविलास पासवान ने मुसलमान सीएम की बात करके सनसनी फैलाई थी। 2005 में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। उस वक्त सभी पार्टियां गठजोड़ करके सत्ता में आने की कोशिश कर रही थीं। पासवान के पास 29 विधायक थे और वो किसी को भी समर्थन देकर सीएम बनाने की हैसियत रखते थे। जब आरजेडी ने उनसे समर्थन मांगा था तब उन्होंने लालू यादव से किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री बनाने को कहा था।