:-विगत 15 दिनों में पांच लोगों को मौत के घाट उतार चुके है रेत के बेलगाम डंपर
:-बड़े हादसे की प्रतीक्षा कर रहा है नींद में सोया परिवहन विभाग
कैराना। रेत के ओवरलोड डंपर राहगीरों के लिए काल बनकर सड़कों पर दौड़ रहे है। पिछले 15 दिनों में बेलगाम डंपरों ने डेढ़ माह की मासूम बच्ची समेत पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। बेकसूर लोगो के रक्त से क्षेत्र की सड़कें लाल हो रही है, लेकिन हुक्मरानों के कानों पर जूं तक नही रेंग रही। गांव मलकपुर के ग्रामीण एक दिन पूर्व तहसील मुख्यालय पर पहुँचकर प्रशासन से डंपरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर चुके है। परन्तु, रेत ढोने के काम में लगे डंपरों के पहिये थमने का नाम नही ले रहे है।
रेत के डंपरों ने आजकल क्षेत्र में कोहराम मचा रखा है। सड़कों पर दौड़ते ये बेलगाम डंपर कब किस राहगीर को अपना शिकार बना ले कोई भरोसा नही है। रेत ढोने के काम में लगे ये डंपर लोगो को समय से पहले परलोक पहुंचाने में लगे हुए है। पिछले 15 दिनों में रेत के डंपरों से क्षेत्र में अलग-अलग चार जगहों पर हादसे घटित हो चुके है, जिनमें डेढ़ माह की मासूम बच्ची समेत पांच लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि चार लोग जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे है। पहली घटना गत 17 दिसंबर की रात घटित हुई। अपनी पत्नी ख्वाजा उर्फ मानो के साथ बाइक पर सवार होकर कैराना से घर वापिस जा रहे शामली के सलेक विहार निवासी शाहिद उर्फ पप्पन को रॉंग साइड से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने नेशनल हाइवे पर स्थित गोल्ड कीज पब्लिक स्कूल के सामने कुचल दिया था, जिसमें शाहिद की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि पत्नी ख्वाजा गम्भीर रूप से घायल हो गई थी। दूसरी हादसा 22 दिसंबर को कस्बे के कांधला मार्ग पर स्थित मीट फैक्ट्री के सामने घटित हुआ। अपने दामाद रहीस निवासी खालापार मुजफ्फरनगर के साथ स्कूटी पर सवार होकर कांधला की ओर जा रहे जनपद गाजियाबाद के अशोक विहार लोनी निवासी खुर्शीद को पीछे से आए डंपर ने टक्कर मार दी थी, जिसमें दोनों ससुर-दामाद गम्भीर रूप से घायल हुए थे। बाद में उपचार के दौरान खुर्शीद ने दम तोड़ दिया था, जबकि रहीस अभी भी अस्पताल में भर्ती है। तीसरी घटना 26 दिसंबर को दोपहर दो बजे घटित हुई। कांधला क्षेत्र के गांव जिड़ाना निवासी फिरोज अपनी पत्नी सलमा व डेढ़ माह की नवजात बेटी के साथ में बाइक पर सवार होकर मलकपुर गांव में रिश्तेदारी से होकर अपने घर जा रहे थे। गांव से बाहर निकलते ही पीछे से आये रेत के ओवरलोड डंपर ने उनकी बाइक को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें बाइक चला रहे फिरोज व डेढ़ माह की बेटी की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि सलमा गम्भीर रूप से घायल हुई थी। घटना के विरोध में मलकपुर के ग्रामीणों ने ढाई घंटे तक कैराना-खुरगान को मार्ग को जाम लगाकर अवरुद्ध कर दिया था। विगत 30 दिसंबर की शाम नेशनल हाइवे-709एड़ी पर स्थित भूरा अंडरपास के निकट मेरठ के अहमदनगर निवासी शहजाद की बाइक में गलत दिशा से आ रहे डंपर ने जोरदार टक्कर मार दी थी, जिसमें शहजाद ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। जबकि पीछे बैठा आसिफ निवासी मोती पुल लिसाड़ी गेट अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। ज्यादातर मामलों में हादसे को अंजाम देकर आरोपी चालक डंपर समेत मौके से फरार होने में कामयाब हो जाते है। ज्यादातर डंपरों पर या तो नंबर प्लेट नही होती या फिर नंबर प्लेट पर काला रंग पोता गया होता है। घटनाओं के अलावा क्षेत्र की सड़कें भी इन ओवरलोड डंपरों से क्षतिग्रस्त हो रही है। हादसों से आक्रोशित गांव मलकपुर के दर्जनों ग्रामीण मंगलवार को तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन करके डंपरों के खिलाफ एसडीएम को शिकायती-पत्र दे चुके है। लेकिन परिणाम अभी तक शून्य है। परिवहन विभाग शायद किसी बड़े हादसे की प्रतीक्षा में है। वहीं, मामले के सम्बंध में एआरटीओ शामली रोहित राजपूत के मोबाइल नंबर पर कई बार कॉल की गई, लेकिन उन्होंने रिसीव नही की।