एक तरफ नफरत का बाजार : दूसरी तरफ मुसलमानों ने सजाई हिंदू की अर्थी- किया अंतिम संस्कार….

पटना

नुपूर शर्मा के बयान को लेकर राजस्थान और महाराष्ट्र में हत्याएं हुई। देश में कुछ लोग हिंदू-मुसलमानों के बीच जहां नफरत फैलाने में लगे हुए हैं। वहीं पटना के फुलवारी शरीफ में मुस्लिमों ने बेमिसाल धार्मिक एकता का परिचय दिया है। मुसलमानों ने हिंदू की मौत के बाद उसकी अर्थी सजाई। उसके शव को कंधा दिया। फिर पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ राम नाम सत्य है करते हुए घाट तक लाए और अंतिम संस्कार किया।

दरअसल, 75 साल के जिस रामदेव का इस दुनिया में कोई सहारा नहीं था, उसको अपने घर रखकर सहारा देने वाले मुसलमान परिवार ने उसकी मृत्यु पर हिंदू रीति-रिवाज से दाह संस्कार किया। मुस्लिम परिवार के लोग उसके शव को कंधे पर रख ‘राम नाम सत्य है’ बोलते हुए घाट तक ले गए और उसका अंतिम संस्कार किया।

30 साल पहले मुस्लिम परिवार ने दिया था सहारा

जानकारी के अनुसार घटना शुक्रवार की है। राजा बाजार के सबनपूरा निवासी मोहम्मद अरमान की दुकान पर 25-30 साल पहले रामदेव भटकता हुआ आ गया था। अरमान ने उसे अपनी दुकान में काम दिया और परिवार के सदस्य की तरह रखा।

अब शुक्रवार को जब रामदेव की मौत हुई तो आसपास के सभी मुसलमान भाइयों ने मिलकर उसके लिए अर्थी सजाई। पूरे हिंदू रीति-रिवाज से राम नाम बोलते हुए घाट पर ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया। इस दाह संस्कार में मोहम्मद रिजवान, दुकान के मालिक मोहम्मद अरमान, मोहम्मद राशिद और मोहम्मद इजहार ने हिस्सा लिया।

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