जांच में फर्जी पाए जाने पर पैरामेडिकल कॉलेज के छात्र जिद पर अड़े सीएम से मिले बगैर नहीं…

गोरखपुर में मान्यता फर्जीवाड़े में फंसे जंगल धूसड़ स्थित राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज को शनिवार को पुलिस ने सील कर दिया। पुलिस ने कालेज संचालक अभिषेक यादव के घर पर दबिश दी लेकिन वह नहीं मिला। उधर, दूसरे संस्थान में प्रवेश दिलाए जाने की मांग को लेकर डीएम कार्यालय से सीएम के कैंप कार्यालय जाने लगे तो पुलिस ने गोरखनाथ मंदिर के गेट पर रोक लिया।

छात्र नहीं मानें और सड़क पर बैठ गए तो पुलिस उन्हें लेकर पुलिस लाइन चली गई। मामले में 12 नामजद और डेढ़ सौ अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने छात्राओं और अन्य छात्रों को मुचलके पर छोड़ दिया जबकि छह छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। छात्र पहले जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे। वहां पर कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। पुलिसकर्मियों ने छात्र-छात्राओं को समझा कर लौटा दिया तो वे गोरखनाथ मंदिर कूच कर गए।

मुख्य गेट से पहले हनुमान मंदिर के पास पुलिस ने छात्र-छात्राओं को रोका तो वे वहीं सड़क पर बैठ गए और सीएम कैंप कार्यालय में जाने पर अड़ गए। प्रदर्शनकारियों में तकरीबन 65 छात्राएं और 15 छात्र मौजूद थे। मौके की नजाकत को देखते हुए पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और बस में बैठाकर पुलिस लाइन ले गई। छात्र विवेक मधेशिया ने बताया कि प्रशासन ने मतदान तक की मोहलत मांगी थी। मतगणना के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो वे लोग प्रदर्शन करने को बाध्य हुए।

दरोगा की तहरीर पर मुकदमा

गोरखनाथ थाने के एसआई नितिन श्रीवास्तव की तहरीर पर छात्रों के खिलाफ बलवा और सड़क जाम का केस दर्ज कर पुलिस ने उनका मेडिकल कराया। गोरखनाथ इंस्पेक्टर ने बताया कि 12 नामजद और 150 अज्ञात पर केस दर्ज किया गया है। छह युवकों को गिरफ्तार किया गया है अन्य की तलाश की जा रही है। यही नहीं पूर्व में गोलघर में सड़क जाम के दौरान कैंट थाने में अज्ञात छात्रों पर दर्ज मुकदमें में भी अब कार्रवाई होगी। फुटेज के आधार पर छात्रों की पहचान कर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी।

पैरामेडिकल कॉलेज जांच में पाया गया फर्जी, सील

जंगल धूसड़ व पिपराइच संवाद के मुताबिक शनिवार को प्रशासन ने राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज को सील कर दिया। चिकित्सा शिक्षा विभाग की जांच के बाद डीएम के निर्देश पर एसडीएम कुलदीप मीना, सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार पिपराइच वशिष्ठ शर्मा व अपर नगर मजिस्ट्रेट अंशुमान सिंह ने यह कार्रवाई की। खबर है कि छात्रों के प्रदर्शन के बाद डीएम विजय किरन आनंद ने शासन स्तर से कालेज को लेकर जांच कराई। कालेज द्वारा 11 नवंबर 2021 के शासनादेश के हवाले पर प्रवेश लिया जा रहा था, वह फर्जी मिला। जिलाधिकारी ने अपने आदेश में संस्था के खिलाफ कोतवाली थाने में 8 जनवरी 22 को दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया संस्था की मान्यता संदिग्ध पाये जाने पर जनहित में संस्था को सील किया जाना आवश्यक बताया है। डीएम के निर्देश पर कॉलेज को सील कर दिया गया।

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