यह मामला हाल ही में पुरी (ओडिशा) में रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ की घटना से जुड़ा है, जिसमें तीन श्रद्धालुओं की मृत्यु और कई घायल हुए। जिसका विरोध करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ता जुटे , विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए cm हॉउस के बहार पुलिस बल तैनात किया गया था। इसी दौरान acp ने पुलिस कर्मियों को निर्देश दिया की , अगर प्रदर्शनकारी यहाँ पहुँचते है तो उनके पैर तोड़ दो। वीडियो वायरल होने के बाद इस पर बवाल होना लाजमी था। जो की हुआ भी , वीडियो वायरल होने के बाद acp का कहने है की उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है।
पुरा मामला ?
कांग्रेस समर्थकों के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कहा जा रहा है कि एक एसीपी (सोशल मीडिया पर वह नरसिंह भोला बताये जा रहे हैं) पुलिस को निर्देश दे रहे हैं कि यदि प्रदर्शनकारी ज़्यादा पास आएँ तो “पैर तोड़ देना” (या “पैर तोड़कर इनाम लो”)

एसीपी का बयान:
एसीपी ने अब तर्क दिया है कि वीडियो का इस्तेमाल गलत तरीके से संदर्भ में किया गया; उन्होंने कहा कि उनका बयान “गलत तरीके से पेश” किया गया है। हालांकि अभी तक उनकी ओर से कोई विस्तृत स्पष्टीकरण या वीडियो क्लिप साझा नहीं की गई है।