पश्चिम बंगाल के एक निजी मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे के तहत फर्जी तरीके से अयोग्य छात्रों को दाखिला दिलाने का मामला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में पता चला कि कॉलेज प्रशासन और एजेंटों ने मिलकर नकली एनआरआई दस्तावेज तैयार किए और मोटी रकम लेकर सीटें बेचीं।
ईडी ने इस घोटाले में कॉलेजों, एजेंटों और अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर कई अहम सबूत जुटाए हैं। विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावासों ने भी कई एनआरआई सर्टिफिकेट को फर्जी बताया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य सरकार को पहले ही जानकारी दी जा चुकी थी, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे पहले भी ईडी 12.33 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है।