भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना देने वाले पहलवान अब मुखर हो गए हैं. गुरुवार को ओलंपिक संघ अध्यक्ष पीटी उषा और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान पर पहलवानों ने खुलकर आपत्ति जताई और तीन महीने पहले हुए बंद कमरे में समझौते की शर्तों को लेकर चेतावनी दी है. पहलवानों ने यह भी कहा कि मध्यस्थता के वक्त कई बार बैठक में हमें डराया गया. उन्होंने कहा कि खेल मंत्री कह रहे हैं कि 12 घंटे हम लोगों से बातचीत की है, सच यह है कि उन्होंने ठीक से 12 मिनट भी बात नहीं की है.
बता दें कि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि हमने 12 घंटे तक पहलवानों को सुना और एक कमेटी बनाई. हम भी निष्पक्ष जांच चाहते हैं, 14 बैठकें हुईं. सभी को एक निरीक्षण समिति के समक्ष अपनी बात रखने का अवसर दिया गया. किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है. वहीं, ठाकुर के इस बयान पर पहलवानों ने पलटवार किया है.
‘जांच कमेटी में आपस में लड़ाई चल रही है’
बजरंग पूनिया ने कहा कि खेल मंत्री कहते हैं कि हमने खिलाड़ियों से 12 घंटे बात की. लेकिन, एक बार उनसे पूछना चाहिए कि आप खिलाड़ियों के साथ कितनी देर तक बैठे? वे खिलाड़ियों के साथ दो-चार मिनट ही बैठे. बाकी समय तो उनके अधिकारियों ने बातचीत की. वे ही मध्यस्थता कर रहे थे. हमने 6 लोगों के नाम दिए थे. सिर्फ बबीता फोगाट का नाम ही क्यों शामिल किया है. बाकी लोगों का नाम क्यों नहीं दिया. उन लोगों में आपस में ही लड़ाई चल रही है. बबीता ने खुद कहा कि मेरे हाथ से रिपोर्ट छीन ली गई. मेरे साथ बदतमीजी की गई. अगर कमेटी के लोग ही आपस में झगड़ा और बदतमीजी कर रहे हैं तो वे मेरे हमारे साथ क्या न्याय करेंगे.