पहाड़ों के दुर्गम रास्तों तक पहुंचने के लिए फायर सर्विस के जवानों को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी।
पुलिस विभाग जल्द ही फायर सर्विस के लिए दो ऑल टेरेन व्हीकल वाहन खरीदने जा रही है।
ये वाहन खाई में उतरने, नदी, नाले सब जगह चलने में सक्षम होंगे। फिलहाल इन वाहनों की खरीद केदारनाथ धाम और गंगोत्री धाम क्षेत्र के लिए होगी।
बता दें कि फायर सर्विस आग लगने पर ही नहीं बल्कि किसी हादसे की सूचना पर भी सबसे पहले पहुंचने वाली सेवा होती है। यही कारण है कि इसे फर्स्ट रिस्पांडर भी कहा जाता है।
अभी तक फायर सर्विस के वापस वाहनों का ऐसा कोई अत्याधुनिक बेड़ा नहीं है जिससे कि दुर्गम स्थानों पर कम जोखिम के साथ आसानी से पहुंचा जा सके।
इसके लिए पिछले दिनों फायर सर्विस की ओर से दो एटीवी वाहनों की खरीद का प्रस्ताव शासन के भेजा गया था।
विश्व बैंक इसके लिए जल्द बजट स्वीकृत कर सकता है। प्रत्येक वाहन की कीमत करीब 75 लाख रुपये होगी।
पिछले दिनों राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकण ने भी पहाड़ी स्थानों के लिए एटीवी की ही सिफारिश की है। इसके साथ ही भारत सरकार ने भी सभी पहाड़ी राज्यों को इस तरह के वाहन खरीदने को कहा है।
आग बुझाने के लिए जान का जोखिम करने को फायर सर्विस जल्द ही रोबोट का सहारा भी लेगी। इसके लिए पिछले साल मंजूरी मिली थी।
अब दो रोबोट की खरीद के लिए टेंडर भी फायर सर्विस की ओर से जारी कर दिए गए हैं। आगामी 20 सितंबर तक विक्रेताओं से बिड मांगी गई हैं।
टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद आधुनिक रोबोट फायर सर्विस के बेड़े में शामिल हो जाएंगे।