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नए साल पर तोहफा:भारत की पहली कोरोना वैक्सीन-कोविशील्ड को मिली मंजूरी….

  • दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड को भारत में इमरजेंसी यूज की अनुमति दे दी गई है.
  • इस पर फैससा ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए विशेष पैनल ने लिया है.
  • ब्रिटेन में इस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की अनुमति मिलने के बाद माना जा रहा था कि भारत में भी इसकी अनुमति दी जा सकती है.
  • सीरम इंस्टिट्यूट ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन में पार्टनर है और देश में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से बेचेगी.

नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है। लंबे समय से कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रहे देशवासियों को सरकार ने नए साल का तोहफा दिया है। नए साल के पहले दिन ही देश को स्वदेशी वैक्सीन मिल गई है। दरअसल, सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविडशील्ड (Covishield) को मंजूरी मिल गई है। सूत्रों के मुताबिक, कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए ड्रग कंट्रोलर (DCGI) को आपात इस्तेमाल के लिए सिफारिश भेजी गई है। बता दें कि स्वास्थय मंत्री हर्षवर्धन सिंह ने 2 जनवरी से वैक्सीन के ड्राई रन के संकेत दिए थे।

इससे पहलेविश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए फाइजर-बायोएनटेक के टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है और अब गरीब देशों को भी ये टीके उपलब्ध हो सकेंगे। अब तक ये टीके यूरोप और उत्तर अमेरिका में ही उपलब्ध थे। देशों की औषध नियामक एजेंसी किसी भी कोविड-19 टीके के लिए अपनी ओर से मंजूरी देती हैं, लेकिन कमजोर प्रणाली वाले देश आमतौर पर इसके लिए डब्ल्यूएचओ पर निर्भर करते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोविड-19 के टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के उसके फैसले से ‘‘देशों को अवसर मिलेगा कि वे टीके आयात करने तथा इन्हें लगाने संबंधी अपने नियामकों की मंजूरी प्रक्रिया को गति प्रदान कर सकें।” उसने कहा कि फाइजर-बायोएनटेक द्वारा निर्मित टीका ‘‘संगठन द्वारा तय किए गए सुरक्षा मानकों एवं अन्य मापदंडों पर खरा उतरा है।”

गौरतलब है कि इस टीके को अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ समेत अनेक देश मंजूरी दे चुके हैं। इस टीके को बहुत ही कम तापमान पर रखना होता है जो विकासशील देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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