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नया साल और नई उम्मीदें, आने वाले नए साल में होगा बदलाव!

वर्ष 2023 बस एक दिन और शुरू होगा नया साल 2024 नई उम्मीदों के साथ । हर कोई बस इंतजार कर रहा है उस पल का जब घड़ी में रात को बारह बज जायेगे और अचानक पूरी दुनिया जश्न में डूब जायेगी हर तरफ से नए साल की बधाइयों का एक कोहतूल, नाचने गाने का शोर, शराब का सैलाब और तरह तरह के मनोरंजन और कुछ लोग पूजा की बेदी पर, कि आने वाला साल उनके लिए सुख, शांति और समृद्धि लाए।

बीते साल में हमने यूक्रेन और रूस की जंग देखी और आज इसराइल के फिलस्तीन पर आक्रमण देख रहे हैं। बस्तियां खंडर बनती दिखाई दे रही है ज़ालिम आक्रमणकारी बड़े दिन पर भी नही रुकते भीषण बमबारी कर निहत्थे फिलस्तीनी के बाशिंदों को कत्ल करते हैं जिनमे बच्चे भी है, बूढ़े भी और औरतें भी है। मलबे में हजारों लोग दबे हुए हैं उनको निकालने के लिए निरंतर हो रही बमबारी में कोशिश की जा रही है। खाने के लिए राशन नहीं है पीने का साफ पानी नहीं है हर तरफ गर्द ओ गुब्बार और प्रदूषित और ज़हरीली हवा जिसमे फिलस्तीनी आवाम सांस ले रही है और इसराइली बैंबरडमेंट के बाद भी जिंदा हैं और मुकाबला कर रही है आज जंग को इक्क्यासी दिन बीत चुके हैं और साहिब बहादुर, सुपर पावर अमरीका के जा नशीन अपना एक हदफ भी पूरा नहीं कर पाए हैं बस अगर कर रहे हैं तो फिलस्तीन की बे सहारा इमारतों को गिरा रहे हैं और निहत्थे लोगों को मार रहे हैं। जंग की आग दिन बा दिन बढ़ती जा रही है और दुनिया की हकूमते तमाशाई हैं और आवाम सड़को पर। इन हालात में क्या नया साल मनाना नैतिकता की कसौटी पर सही है। मगर यह दुनिया और दुनिया वाले सिर्फ आगे बढ़ रहे है और इसी का नाम रोशन उम्मीद है कि हमारे लिए सब कुछ ठीक है और आगे भी ठीक होगा। मगर साल की आखरी टिक भी उस मालिक् की मर्जी से पूरी होती हैं और नए साल की शुरुआत भी उसकी मर्ज़ी से। हम तो बस उम्मीद ही कर सकते हैं कि अगला सांस आयेगा।

हमारी उम्मीदें कितनी साकार होती हैं यह तो आने वाला वक्त में ही पता लगे गा। मगर आने वाला साल भारत में तब्दीली का साल होने की उम्मीद है। हम यह उम्मीद करते हैं कि आने वाले सालों में भारत कर्जमुक्त, आत्म विश्वास वाला भारत हो अभी तो वर्ल्ड बैंक के कर्ज के नीचे हमारा बच्चा बच्चा दबा हुआ है हमारी सारी परियोजनाएं विदेशी कर्ज़ के रहमो करम पर है। अंदरूनी सतह पर भारत की सारी संपदा दस प्रतिशत पूंजीवादिओ के पास इकठ्ठा हो रही है जिसमे सरकारी नीतियों का भी बहुत बड़ा योगदान है।

वाकई अगर यह सब तब्दीली आती हैं और सब भारत वासी सुख, शांति, आत्म विश्वास और भरोसे के साथ अपना जीवन यापन करते हैं तो वो साल हमारे लिए एक सुखद नया साल होगा। यही कामना हम यूक्रेन और फिलस्तीन के वासियों के लिए भी करते हैं कि वहां पर भी अमन चैन और शांति क़ायम हो और जंग के बदल छट जाए।

आपका,
खुर्शीद अहमद,
37, प्रीती एंक्लेव माजरा देहरादून।

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